Last Updated on May 19, 2025 12:08, PM by
Defence Stocks: डिफेंस कंपनियों के शेयरों में जारी दमदार तेजी को आज 19 मई को झटका लगा। लंबे समय से जारी जबरदस्त खरीदारी और ऊंचे वैल्यूएशन के चलते निवेशकों ने डिफेंस शेयरों में मुनाफावसूली शुरू कर दी। इसके चलते निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में तेज उलटफेर देखने को मिला और यह अपनी शुरुआती बढ़त गंवाकर आधा प्रतिशत की गिरावट में आ गया। दिन की शुरुआत में निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स करीब 2 प्रतिशत की छलांग लगाकर अपने 52 हफ्ते के नए उच्च स्तर पर पहुंचा गया था, लेकिन बाद में भारी बिकवाली के चलते इंडेक्स लाल निशान में चला गया।
हालांकि डेटा पैटर्न्स (Data Patterns), जेन टेक्नोलॉजीज (Zen Technologies), और पारस डिफेंस (Paras Defence) जैसे शेयरों ने मजबूती दिखाई और ये 3 से 5 प्रतिशत तक चढ़ गए। लेकिन मझगांव डॉक (Mazagon Dock), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics), और गार्जन रीच शिपबिल्डर्स (Garden Reach Shipbuilders) जैसे बड़े शेयरों में गिरावट देखने को मिली, जिसने इंडेक्स को दबाव में ला दिया।
जियोजित इनवेस्टमेंट्स के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “डिफेंस शेयरों में तेज रैली देखने को मिली है। हालांकि इस सेक्टर का मीडियम और लॉन्ग टर्म का आउटलुक मजबूत है, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन काफी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और इस समय थोड़ा मुनाफावसूली करना समझदारी होगी।”
इस बीच डेटा पैटर्न्स के शेयरों में आज तिमाही नतीजों के ऐलान के बाद तेजी देखने को मिली। डिफेंस सेक्टर की इस कंपनी का मार्च तिमाही में शुद्ध मुनाफा 60 प्रतिशत बढ़कर 114.08 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 71.1 करोड़ रुपये रहा था।
इसके अलावा, डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) के चलते भी सोमवार को डिफेंस सेक्टर के शेयर फोकस में रहे। DAC ने इमरजेंसी शक्तियों के तहत सेना के लिए हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। भारतीय सेना इस अतिरिक्त राशि से सर्विलांस और कामिकेज ड्रोन, लंबी दूरी के लोइटरिंग हथियार और तोपखाने के लिए गोला-बारूद खरीदने पर फोकस कर रही है। इसके अलावा इस खरीदा में एयर डिफेंस सिस्टम और कई तरह की मिसाइलें और रॉकेट भी शामिल होंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, आपातकालीन खरीद शक्तियों की शर्तों के तहत, कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर होने के बाद सशस्त्र बलों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर इक्विपमेंट्स हासिल करने होंगे। यह पिछले 5 सालों में रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों की पांचवीं किस्त है। आपातकालीन खरीद शक्तियों ने सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स और युद्ध सामग्री की खरीद को सुविधाजनक बनाकर रक्षा बलों की काफी मदद की है।