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Daily Voice : छुपा रुस्तम साबित हो सकती हैं एक्सपोर्ट पर आधारित कंपनियां, वैल्यूएशन भी नजर आ रहा अच्छा -इक्विरस एसेट के साहिल शाह

Daily Voice : छुपा रुस्तम साबित हो सकती हैं एक्सपोर्ट पर आधारित कंपनियां, वैल्यूएशन भी नजर आ रहा अच्छा -इक्विरस एसेट के साहिल शाह

Last Updated on May 15, 2025 13:12, PM by Pawan

Daily Voice :  इक्विरस एसेट मैनेजमेंट के साहिल शाह फाइनेंशियल सर्विसेज,आईटी और खपत से जुड़े चुनिंदा शेयरों पर पॉजिटिव नजरिया रखते हैं। उनका कहना है कि इन सेक्टरों के ऐसे शेयरों पर नजरें रहनी चाहिए जहां वैल्यूएशन सही है और ग्रोथ में सुधार आने की संभावना है। मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि एक्सपोर्ट पर आधारित कंपनियां बाजार में अनिश्चितताओं के कारण आई गिरावट की वजह से सस्ते में मिल रही हैं। आगे ये कंपनियां छुपा रुस्तम साबित हो सकती हैं।

साहिल शाह को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में विशेष रूप से डोमेस्टिक इकोनॉमी से जुड़ी कंपनीयों की आय में किसी बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। उनके मुताबिक मार्च तिमाही की आय लगभग सभी सेक्टरों में उम्मीद के मुताबिक रही है।

अमेरिका-चीन ट्रेड डील पर आपकी क्या राय है?

इसके जवाब में साहिल शाह ने कहा कि 12 मई को अमेरिका और चीन अपने टैरिफ विवाद कोहल करने पर सहमत हुए हैं। यह एक अच्छा कदम है। अब अमेरिकी आयात पर टैरिफ घटाकर 30 फासदी तथा चीनी आयात पर 10 फीसदी कर दिया गया है। इससे आगे की बातचीत के लिए 90 दिन का समय मिल गया है। यह युद्धविराम ग्लोबल इकोनॉमी के लिए स्वागत योग्य समाचार है। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन के कारण उत्पन्न अनिश्चितता का ग्लोबल इक्विटी और कमोडिटी बाजारों पर सीधा असर पड़ता दिखा है। हालांकि कि पक्के समझौते को अंतिम रूप दिए जाने तक वोलैटिलिटी बनी रह सकती है, लेकिन वर्तमान में तनाव में कमी एक अच्छे बदलाव का संकेत है। इससे इक्विटी मार्केट को सपोर्ट मिलना चाहिए।

क्या आप मानते हैं कि भारत-पाकिस्तान तनाव का सबसे बुरा दौर बीत चुका है और अब बाजार आने वाले सप्ताहों में तेजी के नए दौर के लिए तैयार है?

इस पर उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव शांत हो गया है और अब युद्ध विराम कायम होता दिख रहा है। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारतीय इक्विटी बाजारों ने ऐसे छोटे अवधि के तनावों के सामने काफी मजबूती दिखाई है। हालांकि पिछले कुछ मामलों में बाजार में 5 फीसदी से 15 फीसदी तक करेक्शन देखने को मिला था लेकिन उसके बाद आमतौर पर तेजी से रिकवरी हुई है। जब तक भारत-पाकिस्तान संघर्ष फिर से नहीं बढ़ता या लम्बे समय तक जारी नहीं रहता,तब तक बाजार के प्रदर्शन पर इसका सीधा असर सीमित ही रहेगा।

निकट भविष्य की चिंताओं के बावजूद आप किन सेक्टरों को लेकर बुलिश हैं?

इस पर साहिल ने कहा कि वे फाइनेंशियल सर्विसेज,आईटी और खपत से जुड़े ऐसे चुनिंदा शेयरों पर तेजी का नजरिया रखते हैं जिनके वैल्यूएशन सही हैं और जिनमें ग्रोथ की संभावना है। उनका यह भी कहना है कि एक्सपोर्ट ओरिएंटेड शेयर छुपे रुस्तम साबित हो सकते हैं। बाजर कि अनिश्चितताओं के कारण इनके मूल्यांकन में नरमी आई है और ये अच्छे भाव पर मिल रहे हैं।

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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