Last Updated on May 13, 2025 18:32, PM by Pawan
Gensol Engineering Shares: जेनसोल इंजीनियरिंग से जुड़े घोटालों की जांच के बीच, उसके प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। अनमोल सिंह जग्गी जहां कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। वहीं पुनीत सिंह जग्गी इसके होलटाइम डायरेक्टर थे। दोनों पर कंपनी के फंड्स को निजी खर्चों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। इन आरोपों के बाद SEBI ने उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में डायरेक्टर या प्रमुख पद पर रहने से बैन कर दिया। जेनसोल ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह भी बताया कि दोनों भाई अब कंपनी से जुड़ी किसी भी समितियों का हिस्सा नहीं रहेंगे।
शेयर में लगा अपर सर्किट
जग्गी बंधुओं के इस्तीफे की खबर से इसके शेयरों में आज 13 मई को इसके शेयरों में लंबे समय बाद तेजी दिखाई थी। कंपनी के शेयरों में 5 फीसदी अपर सर्किट लगा और यह 56.64 रुपये के भाव पर पहुंच गया।
इससे पहले लगातार 18 दिनों से इस शेयर में लोअर सर्किट लग रहा था। वहीं पिछले 22 दिनों से इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही थी। हालांकि आज भी शेयर की शुरुआत लाल निशान में ही हुई थी और खुलते ही यह इसका भाव 5 फीसदी टूटकर 51.25 रुपये के अपने नए निचले स्तर पर पहुंच गया। हालांकि करीब 11 बजे के आसपास इसमें 10 फीसदी की तेज उछाल आई। इससे न सिर्फ यह लोअर सर्किट सीमा से बाहर आ गया, बल्कि इसमें अपर सर्किट भी लग गया।
इस साल 93% टूटा शेयर
SEBI की जांच शुरू होने के बाद से Gensol Engineering के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा चुकी है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 56.14 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वहीं इस साल की शुरुआत में इस शेयर का भाव लगभग 775 रुपये के करीब था, जो अब 56.64 रुपये के स्तर पर आ गया। इस तरह इस साल की शुरुआत से अबतक इसमें करीब 93 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
ब्लूस्मार्ट पर भी पड़ा असर
जग्गी ब्रदर्स के कथित फंड डायवर्जन का असर Gensol की EV कैब सर्विस ब्लूस्मार्ट (BluSmart) पर भी पड़ा है। SEBI की कार्रवाई के बाद, BluSmart के कई बिजनेस ऑपरेशंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। मार्च के अंत में BluSmart के CEO, Chief Business Officer, CTO और VP जैसे शीर्ष अधिकारी भी कंपनी से बाहर हो गए। हालांकि कंपनी ने इन इस्तीफों को “कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग” बताया, लेकिन उसके समय और स्तर को देखते हुए कई सवाल उठे।
क्या है घोटाले का मामला?
SEBI के मुताबिक, Gensol को इंडियन रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) से ₹978 करोड़ का लोन मिला था। ये फंड 6,400 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने के लिए था, जिन्हें बाद में BluSmart को लीज पर दिया जाना था। हालांकि, कंपनी ने सिर्फ 4,704 वाहन खरीदे। SEBI की अंतरिम रिपोर्ट बताती है कि करीब ₹262 करोड़ की रकम का गलत इस्तेमाल हुआ है, जिसे लग्जरी रियल एस्टेट, विदेशी यात्राओं, गोल्फ इक्विपमेंट, और निजी खर्चों में किया गया।
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