नोवो नोरडिस्क की रायबलसस की बिक्री इंडिया में तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल 2025 और इससे पहले के 11 महीनों में इसकी बिक्री 35 फीसदी बढ़कर 405 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह इंडिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ब्रांड्स में से एक है। रायबलसस का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में होता है। वजन घटाने में भी यह हेल्पफुल है। मजेदार बात यह है कि दूसरे सबसे तेजी से बढ़ने वाले फार्मा ब्रांड का संबंध भी डाबिटीज से है। इसका नाम रायजोडेग इंसुलिन है।
वेट घटाने वाली दवाओं की स्ट्रॉन्ग डिमांड
रायबलसस जैसी दवाओं की ज्यादा बिक्री से वेट घटाने वाली दवाओं की मजबूत डिमांड का पता चलता है। यह उन कंपनियों के लिए भी अच्छा संकेत है जो इंडिया में इसकी जेनरिक वर्जन लॉन्च करने की तैयारी में हैं। नोमुरा रिसर्च के एक एनालिस्ट ने कहा, “रायबलसस की इस बिक्री से पता चलता है कि इस दवा के जेनरिक वर्जन की स्ट्रॉन्ग डिमांड है जो मार्च 2026 में लॉन्च होने वाली है।” 2022 में लॉन्च होने के बाद से ही इंडिया में इसकी मजबूत डिमांड रही है।
अगले साल कई दवाएं लॉन्च होने जा रही हैं
अमेरिका फार्मा कंपनी Eli Lilly ने इस साल मार्च में मोटापा कम करने वाली दवा Mounjaro इंडिया में लॉन्च की थी। इस दवा को इंडिया में अपेक्षाकृत महंगा माना जाता है। उम्मीद है कि जेनरिक फार्मा कंपनियों की एंट्री से इसकी कीमतों में कमी आएगी। Dr Reddy’s, Cipla, Lupin और Eris Lifesciences सहित कई कंपनियां ग्लूकाजोन-लाइक पेप्टाइड-1 (जीएलपी-1) कैटेगरी की दवा Semaglutide अगले साल लॉन्च करने की तैयारी में हैं। Senaglutide का पेटेंट इंडिया, कनाडा और अमेरिका को छोड़ दूसरे देशों में 2026 में एक्सपायर होने जा रहा है।
जेनरिक दवा कंपनियों के लिए बड़ा मौका
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “अगर जेनरिक दवाइयां वजन घटाने वाली दवाओं के बाजार के एक हिस्से पर भी कब्जा करने में कामयाब हो जाती हैं तो यह इंडिया में GLP-1 बनाने वाली कंपनियों के लिए बड़ा मौका होगा।” दरअसल फार्मा कंपनियों को वेट लॉस दवाओं का बाजार काफी बढ़ने की उम्मीद है। इसके लिए समय पर रेगुलेटरी एप्रूवल जरूरी है। साथ ही भरोसेमंद मैन्युफैक्चरिंग फैसलिटीज तक पहुंच भी जरूरी है।
