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FPI भारतीय शेयरों में लगातार लगा रहे पैसे, मई में अब तक डाले ₹14167 करोड़

FPI भारतीय शेयरों में लगातार लगा रहे पैसे, मई में अब तक डाले ₹14167 करोड़

Last Updated on May 11, 2025 14:54, PM by Pawan

भारतीय शेयर बाजार के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भरोसा कायम है। मई महीने में अब तक उन्होंने 14,167 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। अनुकूल वैश्विक रुख और मजबूत डॉमेस्टिक फंडामेंटल्स के बीच FPI स्थानीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। खास बात यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के बावजूद FPI भारतीय बाजार में निवेश कर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में FPI ने भारतीय शेयर बाजार में 4,223 करोड़ रुपये डाले थे। यह 3 महीने बाद उनका पहला निवेश था।

इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च में भारतीय शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत इनवेस्टमेंट के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि आगे डॉलर में गिरावट, अमेरिका और चीनी अर्थव्यवस्था में सुस्ती जैसे ग्लोबल फैक्टर्स और घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ऊंची वृद्धि दर, घटती महंगाई और ब्याज दरों में कमी की वजह से FPI का भारतीय बाजार के प्रति आकर्षण बना रहेगा।

विजयकुमार के मुताबिक, ‘‘हाल के दिनों में FPI निवेश की खासियत यह रही है कि उन्होंने लगातार खरीदारी की है। उन्होंने 8 मई को समाप्त 16 कारोबारी सत्रों में 48,533 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। हालांकि, 9 मई को भारत-पाकिस्तान विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने 3,798 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।

2025 में अब FPI की निकासी घटकर 98,184 करोड़ रुपये

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 9 मई तक शेयरों में शुद्ध रूप से 14,167 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह चालू साल में अब FPI की निकासी घटकर 98,184 करोड़ रुपये रह गई है। भारतीय शेयर बाजार में अप्रैल FPI की गतिविधियों में हुए सुधार के मई में भी जारी रहने की उम्मीद है।

मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि अनुकूल वैश्विक रुख और मजबूत डॉमेस्टिक फंडामेंट्लस से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार करार, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, भारतीय रुपये में मजबूती से वैश्विक निवेशकों के बीच भारतीय एसेट्स का आकर्षण बढ़ा है। इसके अलावा भारत की कुछ बड़ी कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों से भी FPI के सेंटिमेंट में सुधार हुआ है।

बॉन्ड मार्केट को लेकर क्या रुख

वीके विजयकुमार का कहना है कि FPI की ओर से बॉन्ड या डेट फ्लो बहुत कम रह सकता है। आंकड़ों के अनुसार, FPI ने मई में अब तक जनरल लिमिट के तहत बॉन्ड से 3,725 करोड़ रुपये निकाले हैं, जबकि वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

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