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अडाणी पावर उत्तरप्रदेश में नया पावर प्लांट बनाएगी: राज्य ने 1500 MW बिजली सप्लाई का ऑर्डर दिया; एक साल में दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट मिला

अडाणी पावर उत्तरप्रदेश में नया पावर प्लांट बनाएगी:  राज्य ने 1500 MW बिजली सप्लाई का ऑर्डर दिया; एक साल में दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट मिला

Last Updated on May 11, 2025 10:42, AM by

 

मुंबई4 मिनट पहले

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अडाणी पावर को उत्तरप्रदेश में 1500 मेगा वॉट (MW) बिजली सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। इसके लिए कंपनी यूपी में नया अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल पावर प्लांट बनाएगी। प्लांट से 5.383 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली सप्लाई की जाएगी।

 

प्लांट को डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन और ऑपरेट (DBFOO) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। यूपी में 2033-34 तक बिजली की मांग 11,000 MW बढ़ने का अनुमान है। इसके चलते अडाणी को और कॉन्ट्रैक्ट दिए जा सकते हैं।

पिछले साल सितम्बर में 6,600 MW का कॉन्ट्रैक्ट मिला था

अडाणी पवार को एक साल में ये दूसरा बड़ा ठेका मिला है। इससे पहले सितंबर 2024 में ही कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार के साथ 6,600 MW बिजली आपूर्ति का समझौता किया था।

अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस को भी मिल चुका ₹2,800 करोड़ का ऑर्डर

21 मार्च को अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस को गुजरात में ₹2,800 करोड़ का पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट मिला था। कंपनी ने बताया कि उसे गुजरात में एक पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट मिला है, जो मुंद्रा में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया की मैन्युफैक्चरिंग के लिए ग्रीन इलेक्ट्रॉन की सप्लाई करेगा। इस प्रोजेक्ट को 36 महीनों में देश को डिलीवर कर दिया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट में दो बड़े 765/400kV ट्रांसफॉर्मर को जोड़कर नवीनल (मुंद्रा) इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन को अपग्रेड करना भी शामिल है। इसके अलावा इस सबस्टेशन को भुज सबस्टेशन से जोड़ने के लिए 75 किलोमीटर लंबी 765kV डबल-सर्किट लाइन बनाई जाएगी।

अडाणी पावर की कमाई बढ़ी, मुनाफा घटा अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर लिमिटेड की चौथी तिमाही में टोटल इनकम 14,536 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 4.7% ज्यादा है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 14,237 करोड़ रुपए रहा। वहीं जनवरी से मार्च तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 11,274 करोड़ रुपए और टोटल टैक्स 662 करोड़ रुपए रहा।

1996 में हुई थी अडाणी पावर की शुरुआत

अडाणी पावर लिमिटेड (APL) की शुरुआत 22 अगस्त 1996 में हुई थी। यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर थर्मल पावर प्रोड्यूसर है। कंपनी के पास 15,250 मेगावॉट पावर जनरेशन की क्षमता है। इसके थर्मल प्लांट्स गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में हैं।

वहीं, गुजरात में 40 मेगावॉट कैपेसिटी का सोलर प्लांट है। क्योटो प्रोटोकॉल के क्लीन डेवलपमेंट मीशन (CDM) के तहत रजिस्टर्ड कोयला-बेस्ड सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स बनाने वाली कंपनी है

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