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Editor’s Take: बाजार में तेजी के 5 ट्रिगर, ट्रेडर्स को बस इस 1 बात की होनी चाहिए टेंशन

Editor’s Take: बाजार में तेजी के 5 ट्रिगर, ट्रेडर्स को बस इस 1 बात की होनी चाहिए टेंशन

Last Updated on May 2, 2025 12:55, PM by Pawan

 

Editor’s Take: पिछले कुछ दिनों में भारतीय शेयर बाजार ने जिस मजबूती का प्रदर्शन किया है, उसके पीछे कई बड़े ट्रिगर सक्रिय हैं. मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि बाजार फिलहाल मजबूत आधार पर खड़ा है, लेकिन कुछ अनदेखी चिंताएं अब भी सतह के नीचे मौजूद हैं.

अमेरिका में क्या हो रहा है?

सबसे पहले बात अमेरिका के डाओ इंडस्ट्रियल एवरेज की करें, तो बीते आठ दिनों में जो तेजी आई है, उसने वैश्विक बाजारों को नई ऊर्जा दी है. अमेरिका की GDP ग्रोथ तीन साल बाद थोड़ी नरम हुई है, लेकिन बाजारों ने इसे पॉजिटिव लिया है. वजह यह है कि धीमी ग्रोथ के चलते अब टैरिफ वॉर पर ट्रंप का रुख नरम पड़ सकता है. चीन की ओर से भी व्यापार युद्ध पर कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिससे उम्मीद बंधी है कि अमेरिका और चीन के बीच तनाव अब कम होगा. इस घटनाक्रम का सीधा असर यह हुआ कि डाओ फ्यूचर्स जबरदस्त तेजी में हैं और सोना कमजोर हुआ है — यानी जोखिम उठाने की भावना (risk appetite) लौटी है.

FIIs-DIIs का सपोर्ट

दूसरा बड़ा समर्थन भारतीय बाजार को मिल रहा है FII और DII यानी विदेशी और घरेलू निवेशकों की एकजुट खरीदारी से. पिछले साल 23 नवंबर के बाद यह पहला मौका है जब लगातार चौथे दिन दोनों ने मिलकर खरीदारी की है. खास बात यह है कि मई 2023 के बाद पहली बार FIIs ने 11 दिन लगातार कैश मार्केट में खरीदारी की है. यही नहीं, जुलाई 2024 के बाद पहली बार लगातार दूसरे महीने विदेशी निवेशकों ने कैश में भारी निवेश किया है. बुधवार को भी FIIs ने ₹4450 करोड़ और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने ₹1800 करोड़ की खरीदारी की, जिससे बाजार को जबरदस्त सपोर्ट मिला है.

इकोनॉमी पर पॉजिटिव ट्रिगर्स

इकोनॉमी के मोर्चे पर भी सकारात्मक खबरों की बौछार रही है. पहले महंगाई में कमी की खबरें आईं, फिर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी, और उसके बाद मॉनसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी ने बाजार का उत्साह बढ़ाया. अब GST कलेक्शन के आंकड़े आए हैं जो अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर हैं. पहली बार नेट GST कलेक्शन ₹2 लाख करोड़ के पार गया है, जो यह संकेत देता है कि देश की अर्थव्यवस्था में उपभोग और व्यापारिक गतिविधियां तेज़ी से बढ़ रही हैं.

हालांकि, बुधवार को जिस तरह बाजार आखिरी मिनटों में अचानक गिरा, उसने निवेशकों को थोड़ा चौंकाया. अनिल सिंघवी का कहना है कि बीते कुछ समय से बाजार में यह एक नया ट्रेंड बन गया है कि क्लोजिंग के वक्त भारत-पाक तनाव की आशंका में बिकवाली तेज़ हो जाती है. बुधवार को भी आखिरी 15 मिनटों में ऐसी ही आशंका के चलते पैनिक सेलिंग देखी गई, जिसमें निफ्टी ऊपर से करीब 150 अंक और बैंक निफ्टी लगभग 500 अंक फिसल गया. हालांकि अच्छी बात यह रही कि एवरेज क्लोजिंग अब भी पॉजिटिव रही.

तेजी के ट्रिगर और टेंशन वाली बात

बाजार के लिए बृहस्पतिवार को कई पॉजिटिव फैक्टर मौजूद हैं — भारत-पाक तनाव बढ़ने की कोई खबर नहीं आई है, FII और DII की खरीदारी लगातार जारी है, GST कलेक्शन रिकॉर्ड पर है, अमेरिका के बाजार लगातार आठ दिन से ऊपर जा रहे हैं, और अदाणी ग्रुप के शानदार नतीजों ने भी भरोसा बढ़ाया है.

सिंघवी के मुताबिक, फिलहाल बाजार का जोश हाई है, लेकिन भारत-पाकिस्तान पर तनाव एकमात्र बड़ा रिस्क है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. बाकी सभी संकेत बाजार को आगे और मजबूती देने के लिए तैयार हैं. ऐसे में निवेशकों को सतर्कता के साथ इस तेजी का फायदा उठाना चाहिए.

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