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Gensol Engineering के शेयर में लगातार 13वें दिन लोअर सर्किट, 52 वीक के हाई से 92% टूटा

Gensol Engineering के शेयर में लगातार 13वें दिन लोअर सर्किट, 52 वीक के हाई से 92% टूटा

Gensol Engineering Stock Price: जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में 28 अप्रैल को भी गिरावट देखने को मिली। शेयर लगातार 13वें दिन 5 प्रतिशत टूटा और 86.50 रुपये पर लोअर सर्किट लगा। यह शेयर का 52 सप्ताह का नया निचला स्तर भी है। सेबी की जांच के नतीजे सामने आने के बाद से जेनसोल इंजीनियरिंग पर संकट छाया हुआ है, जिसके चलते शेयर में लगातार बिकवाली हो रही है।

पिछले एक सप्ताह में जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर 22 प्रतिशत और 2 सप्ताह में 35 प्रतिशत नीचे आ चुका है। कंपनी का मार्केट कैप गिरकर 300 करोड़ रुपये के लेवल पर है। कंपनी में मार्च 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 35.87 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। शेयर बीएसई पर अपने 52 वीक के हाई 1,125.75 रुपये से 92.31 प्रतिशत लुढ़क चुका है।

ED के सर्च और सीजन ऑपरेशन की दी जानकारी

जेनसोल इंजीनियरिंग ने 28 अप्रैल को शेयर बाजारों को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने कंपनी के गुरुग्राम और अ​हमदाबाद के परिसरों में सर्च और सीजर ऑपरेशन चलाया। इस दौरान कुछ डॉक्युमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड सीज किए गए। साथ ही इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 132(3) के साथ पढ़ा जाने वाला, FEMA 1999 के सेक्शन 37 के तहत आदेश एक्सिस बैंक, HDFC और ICICI Bank को जारी किया गया है।

24 अप्रैल को खबर आई थी कि ED ने दिल्ली के होटल से जेनसोल इंजीनियरिंग के को-प्रमोटर पुनीत सिंह जग्गी को हिरासत में लिया है। साथ ही यह भी कहा गया था कि ED ने जेनसोल इंजीनियरिंग के दिल्ली, गुरुग्राम और अहमदाबाद परिसरों में छापेमारी की है। यह एक्शन FEMA यानि फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के प्रावधानों के तहत लिया गया।

जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर भाई अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी इलेक्ट्रिक कैब सर्विसेज कंपनी ब्लूस्मार्ट के भी को-फाउंडर हैं। जेनसोल इंजीनियरिंग ने कहा है कि इस छापेमारी से कंपनी पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव का अभी पता नहीं लगाया जा सकता है। कंपनी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई तलाशी और जब्ती कार्रवाई के संबंध में उचित कानूनी उपाय करने की प्रक्रिया में है।

जेनसोल इंजीनियरिंग और प्रमोटर्स पर क्या हैं आरोप

जेनसोल इंजीनियरिंग पर पैसों को डायवर्ट करने, कर्ज का गलत इस्तेमाल करने और संबंधित पक्षों के माध्यम से अपने स्टॉक में ट्रेड को फाइनेंस करने का आरोप है। जेनसोल पर आरोप है कि उसने ईवी खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायवर्ट की। कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने ब्लूस्मार्ट के लिए नए इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लिए गए लोन को अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल किया, जैसे कि गुरुग्राम में लग्जरी अपार्टमेंट की खरीद।

SEBI ने आरोप लगाया है कि जेनसोल इंजीनियरिंग से पैसे को प्राइवेट प्रमोटर एंटिटीज और प्रमोटर्स को ट्रांसफर किया गया। जेनसोल के प्रमोटर्स पर जेनसोल के शेयरों में ट्रेड करने के लिए एक प्राइवेट एंटिटी वेलरे का इस्तेमाल करेन और इसके लिए उसे फंड मुहैया कराने का भी आरोप है।

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