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Ather Energy IPO: सोमवार, 28 अप्रैल से सब्सक्रिप्शन शुरु, जानें हर बात विस्तार से

Ather Energy IPO: सोमवार, 28 अप्रैल से सब्सक्रिप्शन शुरु, जानें हर बात विस्तार से

Last Updated on April 28, 2025 2:37, AM by Pawan

जब कंपनी से पूछा गया कि वह ओला इलेक्ट्रिक, बजाज, हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटर कंपनी जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच कैसे टिकेगी, तो कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफिसर रवनीत फोकेला ने बीते नौ महीनों के प्रदर्शन को सामने रखा। फोकेला ने कहा, “हमें विश्वास है क्योंकि हमने साबित किया है कि हम कड़ी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और साथ ही इनोवेशन जारी रख सकते हैं। बीते महीनों में बाजार में आक्रामक मूल्य निर्धारण, डिस्ट्रीब्यूशन का तेजी से विस्तार और गहरे डिस्काउंट जैसी चुनौतियां देखी गईं, इसके बावजूद एथर ने अपनी राष्ट्रीय बाजार हिस्सेदारी 9% से बढ़ाकर 15% तक पहुंचाई है।

कंपनी ने महाराष्ट्र और गुजरात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। दक्षिण भारत में, जहां पहले से ही एथर की मजबूत मौजूदगी थी, अब कंपनी ने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है और इस क्षेत्र में मार्केट लीडर बन गई है। फोकेला ने कहा कि एथर की ताकत उसके प्रोडक्ट की गुणवत्ता और इनोवेशन में है, लेकिन उन्होंने डिस्ट्रीब्यूशन और स्केल में कुछ कमियों को भी स्वीकार किया।

कंपनी की पृष्ठभूमि और प्रदर्शन

2013 में IIT मद्रास के पूर्व छात्रों तरुण मेहता और स्वप्निल जैन द्वारा स्थापित एथर ने हाल ही में 2 लाख यूनिट्स की कुल बिक्री का आंकड़ा पार किया है। अकेले अक्टूबर 2024 में, कंपनी ने अपने फैमिली-फोकस्ड मॉडल रिज्टा और फ्लैगशिप 450X के दम पर 20,000 से अधिक स्कूटर डिलीवर किए।

एथर एनर्जी ने IPO के लिए 304-321 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है और कंपनी 12,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन को टारगेट कर रही है। पहले कंपनी 14,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन का अनुमान लगा रही थी। शुक्रवार को एथर ने एंकर निवेशकों से 1,340 करोड़ रुपये जुटाए। इन निवेशकों में देशी और विदेशी दोनों तरह की प्रतिष्ठित संस्थाएं शामिल थीं।

22 अप्रैल 2025 को एथर ने सेबी के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल किया था। IPO में 2,626 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 1.1 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। पहले यह इश्यू 3,100 करोड़ रुपये और 2.2 करोड़ शेयरों का प्रस्ताव था, जिसे बाजार परिस्थितियों के चलते घटाया गया।

वित्तीय स्थिति में सुधार

FY25 के पहले नौ महीनों में कंपनी ने अपना नेट लॉस 25% से अधिक घटाकर 577.9 करोड़ रुपये कर लिया, जो पिछले साल इसी अवधि में 776.4 करोड़ रुपये था। इस दौरान, परिचालन से राजस्व 28.32% बढ़कर 1,578.9 करोड़ रुपये पहुंच गया।

इसके मुकाबले, ओला इलेक्ट्रिक—एथर की निकटतम प्रतिद्वंद्वी—ने FY25 की तीसरी तिमाही में 564 करोड़ रुपये का नेट लॉस और 19% सालाना गिरावट के साथ 1,045 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया।

 

भविष्य की रणनीति और अंतरराष्ट्रीय विस्तार

एथर एनर्जी का फोकस निकट भविष्य में केवल प्रीमियम कंज्यूमर स्कूटर्स पर रहेगा। कंपनी बी2बी या थ्री-व्हीलर सेगमेंट में अभी प्रवेश नहीं करेगी। सीईओ और सह-संस्थापक तरुण मेहता ने कहा, “हम एक उपभोक्ता ब्रांड हैं और भविष्य में मोटरसाइकिल और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जाने की योजना जरूर है, लेकिन फिलहाल घरेलू बाजार में गहराई से विस्तार प्राथमिकता है।”

एथर एनर्जी नेपाल और श्रीलंका में पहले से मौजूद है और आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं देख रही है।

R&D और तकनीकी निवेश

IPO से मिली राशि का इस्तेमाल कंपनी महाराष्ट्र में एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने, R&D क्षमताओं को मजबूत करने, कर्ज चुकाने और ब्रांड मार्केटिंग बढ़ाने के लिए करेगी। एथर का लगभग आधा वर्कफोर्स R&D में लगा है और कंपनी के पास 170 से अधिक वैश्विक पेटेंट हैं।

कंपनी IPO से जुटाई गई राशि में से 750 करोड़ रुपये बैटरी तकनीक, सॉफ्टवेयर क्षमताओं और ऑनबोर्ड इंटेलिजेंस सिस्टम्स में निवेश करेगी। एथर ग्रिड के तहत भारत में 1,600 से अधिक लोकेशन पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जा चुका है।

वर्टिकल इंटीग्रेशन पर फोकस

एथर ने वर्टिकल इंटीग्रेशन में एक अलग राह अपनाई है। कंपनी अपने हार्डवेयर का 80% खुद डिजाइन करती है और सॉफ्टवेयर 100% इन-हाउस लिखती है। इससे प्रोडक्ट डेवेलपमेंट में तेजी, लचीलापन और ब्रांड का दीर्घकालिक मूल्य सुनिश्चित होता है।

स्वप्निल जैन ने कहा कि एथर ने बैटरी सेल मैन्युफैक्चरिंग में निवेश नहीं करने का फैसला लिया है क्योंकि यह बहुत पूंजीगत खर्च वाला क्षेत्र है और दोपहिया EV बाजार का मौजूदा स्केल इस निवेश को उचित नहीं ठहराता।

भारत के EV सेक्टर का अवसर

मेहता ने कहा कि भारत के पास EV टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनने का दुर्लभ अवसर है। उन्होंने चीन की सफलता का उदाहरण देते हुए भारतीय कंपनियों से दीर्घकालिक R&D निवेश और स्वदेशी तकनीक विकास में तेजी लाने का आह्वान किया। एथर द्वारा देश के पहले EV चार्जिंग स्टैंडर्ड के विकास में निभाई गई भूमिका को उन्होंने इसका उदाहरण बताया।

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