Last Updated on April 27, 2025 9:51, AM by
नया फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू हो गया है। जल्द इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। रिटर्न फाइल करने से पहले आपको कुछ बातें जान लेने की जरूरत है। इससे बाद में आपको दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। आप इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के वक्त भी अपनी रीजीम में बदलाव कर सकते हैं।
अगर आप नौकरी करते हैं और अपने एंप्लॉयर को पिछले साल आपने इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करने की जानकारी थी तो भी रिटर्न फाइल करते वक्त आप अपनी रीजीम में बदलाव कर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को एक वित्त वर्ष में एक बार रीजीम बदलने की इजाजत देता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने से आपके टैक्स बचेंगे तो आप रिटर्न फाइलिंग के वक्त रीजीम में बदलाव कर सकते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अप्रैल के आखिर में आम तौर पर आईटीआर फॉर्म इश्यू कर देता है और यूटिलिटीज अपलोड कर देता है। इसके बाद टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करने का रास्ता खुल जाता है। लेकिन, यह बात ध्यान में रखनी होगी कि नौकरी करने वाले लोग तभी रिटर्न फाइल कर सकेंगे, जब फॉर्म 16 उनके हाथ में आ जाएगा। कंपनियों के लिए 15 जून तक अपने एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 इश्यू करना अनिवार्य है। इसमें टैक्सपेयर की सैलरी से कुल इनकम और काटे गए टैक्स (TDS) की जानकारी होती है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है। कई बार जरूरत पड़ने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस डेडलाइन को बढ़ा देता है। कोविड की महामारी के वक्त उसने डेडलाइन बढ़ाई थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के लिए डेडलाइन करीब आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। अंतिम वक्त में रिटर्न फाइल करने पर गलती होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइल करने की कोशिश करना चाहिए।
अगर किसी वजह से टैक्सपेयर डेडलाइन तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। वह 31 दिसबंर तक बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है। हालांकि, इसके लिए उसे पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट देना पड़ेगा। सालाना इनकम 5 लाख से कम होने पर पेनाल्टी 1 हजार रुपये है। सालाना इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर पेनाल्टी 5,000 रुपये है।