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Market Trend: अनसर्टेनिटी से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा जारी, इन सेक्टर पर फोकस से बनेगा पैसा

Market Trend: अनसर्टेनिटी से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा जारी, इन सेक्टर पर फोकस से बनेगा पैसा

Last Updated on April 26, 2025 11:45, AM by

वीकली आधार पर बाजार लगातार दूसरे हफ्ते बढ़त पर बंद हुआ। 25 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में सेंसेक्स 0.84 फीसदी और निफ्टी 0.79 फीसदी की बढ़त लेकर बंद हुआ। ऐसे में बाजार की आगे की चाल कैसी रह सकती है इसी पर बात करते हुए ICICI Pru AMC के फंड मैनेजर मितुल कलावाडिया (Mitul Kalawadia) ने कहा कि टैरिफ वॉर से अनिश्चितता का माहौल बना है। US-चीन के टैरिफ वॉर सेटलमेंट पर कंसर्न है। टैरिफ अस्थिरता से ग्लोबल स्लोडाउन की आशंका है। ग्लोबल स्लोडाउन का कितना असर देखना होगा। अनसर्टेनिटी से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। अस्थिरता से कंपनियों की अर्निंग पर असर देखने को मिला। इस साल बाजार में थोड़ा उतार-चढ़ाव संभव है। मौजूदा बाजार में सतर्क रहना जरूरी है।

उन्होंने आगे कहा कि बाजार को टाइम करना मुश्किल है। बाजार को अर्निंग्स का सपोर्ट नहीं मिल रहा । बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट का असर संभव है।

किन सेक्टर के वैल्युएशन पर असर ? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कई सेक्टर्स पर ग्लोबल स्लोडाउन का असर दिखा है। IT सेक्टर के वैल्युएशन पर असर संभव है। अब भी कंज्यूमर स्टेपल सेक्टर की ग्रोथ कम रही है। कंज्यूमर स्टेपल के वैल्युएशन काफी हाई है। अब बैंकिंग सेक्टर के वैल्युएशन में कंफर्ट नहीं रहा।

 

कम वैल्युएशन में बेहतर सेक्टर मौजूद है। कंपनियों के कैशफ्लो पर नजर रखें। अच्छे कैशफ्लो से बैलेंसशीट बेहतर होती है। कई डिस्क्रिशनरी कंपनियों में मौके है। कई ऑटो कंपनियों में संभावनाएं है। पावर सेक्टर में बेहतरीन मौके है। रिटेल सेक्टर में संभावनाएं है।

ट्रंप टैरिफ से रिस्क? पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रंप टैरिफ का भारतीय फार्मा सेक्टर पर कम असर होगा। ग्लोबल इनोवेटिव कंपनियों पर असर संभव है। भारत में ट्रंप टैरिफ का रिस्क काफी कम है। ऑटो एंसिलरी पर थोड़ा असर संभव है।

कमोडिटी पर आउटलुक पर नजर डालें तो इंडस्ट्रियल मेटल की डिमांड पर नजर रहेगी। चीन के डोमेस्टिक डिमांड पर नजर रखें। मंदी की आशंका की वजह से डिमांड में कमी संभव है।

कंपनियों के अर्निंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगले साल से अर्निंग्स बेहतर होने की उम्मीद है। Q4 के नतीजे मिले-जुले आ रहे हैं। अगली तिमाही तक ज्यादा उम्मीद नहीं है।

किन सेक्टर्स में फोकस? इस सवाल का जवाब देते हुए मितुल कलावाडिया ने कहा कि ऑटो सेक्टर में एक्सपोजर ज्यादा है। फार्मा सेक्टर में ओवरवेट नजरिया बना हुआ है। वहीं पावर सेक्टर में बेहतरीन मौके नजर आ रहे हैं। रिटेल सेक्टर में हमारा एक्सपोजर ज्यादा है। हालांकि हम IT और कंज्यूमर स्टेपल में अंडरवेट है। पिछले 6 महीनों में IT में एक्सपोजर कम किया जबकि बैंकिंग, फार्मा सेक्टर में एक्सपोजर बढ़ाया

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