Last Updated on April 25, 2025 12:30, PM by Pawan
पहलगाम हमले का असर बढ़ता दिख रहा है। 25 अप्रैल को हरे निशान में खुलने वाले स्टॉक मार्केट्स थोड़ी ही देर में लाल निशान में चले गए। बिकवाली बढ़ने से सेंसेक्स 1000 प्वाइंट्स से ज्यादा फिसल गया, जबकि निफ्टी 300 यानी 1.24 फीसदी तक लुढ़क गया। इनवेस्टर्स मार्केट में सावधानी बरतते दिख रहे हैं। यह माना जा रहा है कि इंडिया सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बड़े कदम उठा सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना कि अगर पाकिस्तान के साथ टकराव बढ़ता है तो इसका मार्केट के सेंटिमेंट पर बड़ा असर पड़ सकता है।
सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है
इस बीच कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ सुस्त दिख रही है। हालांकि, विदेशी निवेशकों की खरीदारी बढ़ने से बाजार में तेजी देखने को मिली है। फिलहाल बाजार में कंसॉलिडेशन दिख सकता है। व्हाइट ओक के फाउंडर प्रशांत अरोड़ा ने कहा, “फिलहाल मार्केट को किसी तरह के जवाबी सैन्य कार्रवाई की चिंता नहीं है। पहले की तरह प्रतिक्रिया सीमा के अंदर रहेगी।” हालांकि, पहलगाम हमले के बाद सरकार के स्तर पर जिस तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली है, उससे लगता है कि इस बार भारत पहले के मुकाबले कोई बड़ा कदम उठा सकता है।
तनाव बढ़ने से मार्केट में बड़ी गिरावट आ सकती है
हेलियस कैपिटल के समीर अरोड़ा ने कहा, “अगर तनाव ज्यादा बढ़ता है तो पूरा कैलकुलेशन धरा रह जाएगा। आप ऐसी घटनाओं के लिए खुद को तैयार नहीं रख सकते।” पिछले दो सत्रों में Nifty फ्लैट से लेकर निगेटिव रहा है। एबैकस एसेट मैनेजर के सुनील सिंघानिया ने कहा कि इससे पता चलता है कि मार्केट ‘इंतजार करो और देखो’ की पॉलिसी पर चलना चाहता है। हालांकि, अगर दोनों देशों के बीच तनाव सीमित दायरे में रहता है तो इसका स्टॉक मार्केट्स पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। वैल्यूएशंस अब भी ज्यादा है। इसलिए मार्केट में कंसॉलिडेशन देखने को मिल सकता है।
टैरिफ 90 दिन टलने से मार्केट में आई थी तेजी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 अप्रैल को टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी। तब से Nifty 8.1 फीसदी चढ़ा है। इस दौरान BSE मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 10 से 11 फीसदी तक का उछाल आया है। इस तेजी से बैंकिंग स्टॉक्स का बड़ा हाथ रहा है। बैंकों की हिस्सेदारी (वेट) निफ्टी में 22 फीसदी है। RBI ने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उनका बैंकों पर पॉजिटिव असर पड़ा है। कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि चूंकि पिछले साल बैंकिंग स्टॉक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिससे इस साल उनकी चमक बढ़ सकती है।