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अर्बन कंजप्शन में सुधार का मिलेगा फायदा, FY26 में एफएमसीजी सेक्टर का रेवेन्यू ग्रोथ 6-8% रह सकता है: क्रिसिल

अर्बन कंजप्शन में सुधार का मिलेगा फायदा, FY26 में एफएमसीजी सेक्टर का रेवेन्यू ग्रोथ 6-8% रह सकता है:  क्रिसिल

Last Updated on March 19, 2025 18:10, PM by Pawan

भारत के फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2026 में 6-8 फीसदी बढ़ने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में इस सेक्टर में 5-6 फीसदी की अनुमानित वृद्धि होगी. बुधवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, बिक्री की मात्रा में 4-6 फीसदी की बढ़ोतरी होने और शहरी मांग में सुधार के साथ ग्रामीण खपत बढ़ने से सेक्टर का रेवेन्यू बढ़ने की उम्मीद है.

फूड इंफ्लेशन में कमी से अर्बन डिमांड में सुधार

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, “हमें वॉल्यूम में सुधार की उम्मीद है क्योंकि खाद्य महंगाई में नरमी, ब्याज दरों में ढील और अगले वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में घोषित कर राहत उपायों से शहरी मांग को बढ़ावा मिलेगा.” पारंपरिक FMCG कंपनियां डिजिटल चैनलों के जरिए अपनी पहुंच बढ़ाने और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. वॉल्यूम वृद्धि के अलावा, मूल्य वृद्धि से रेवेन्यू में अतिरिक्त 2 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है.

इन सेगमेंट में बढ़ सकती है महंगाई

साबुन, बिस्किट, कॉफी, हेयर ऑयल और चाय जैसी प्रोडक्ट कैटेगरी में महंगाई का असर देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमतों में बढ़ोतरी पाम ऑयल, कॉफी, कोपरा और गेहूं जैसे जरूरी कच्चे माल की उच्च इनपुट लागत की वजह से देखी जाएगी.

FY26 में ऑपरेटिंग इनकम 20-21% रह सकती है

क्रिसिल के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में इस सेक्टर का परिचालन लाभ 20-21 फीसदी पर स्थिर रहने की उम्मीद है. हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में इसमें 50-100 आधार अंकों की मामूली गिरावट देखी जा सकती है. फिर भी, FMCG कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है, जिसका श्रेय कंपनियों द्वारा नकदी उत्पन्न करने, मजबूत बैलेंस शीट बनाए रखने और पर्याप्त लिक्विडिटी भंडार रखने की क्षमता को जाता है.

82 एफएमसीजी कंपनियों की स्टडी पर रिपोर्ट

क्रिसिल रेटिंग्स की स्टडी 82 FMCG कंपनियों को कवर करती है. जो मिलकर सेक्टर के अनुमानित 5.9 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू का एक तिहाई हिस्सा जनरेट करती हैं. शहरी बाजार कुल रेवेन्यू का लगभग 60 फीसदी योगदान देता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र शेष हिस्सा बनाते हैं. खाद्य और पेय पदार्थ FMCG सेक्टर के रेवेन्यू का लगभग आधा हिस्सा बनाते हैं, जबकि पर्सनल केयर और होम केयर सेगमेंट प्रत्येक लगभग एक चौथाई का योगदान देते हैं. वित्त वर्ष 2025 में, शहरी खपत उच्च खाद्य महंगाई, बढ़ती ब्याज दरों और धीमी वेतन वृद्धि से प्रभावित हुई. इसका विशेष रूप से पर्सनल केयर और खाद्य और पेय पदार्थ सेगमेंट पर असर देखने को मिला.

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