Last Updated on March 18, 2025 21:38, PM by Pawan
वेदांता ग्रुप की सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 5.42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सेबी लिस्टिंग रेगुलेशंस के नियम 17(1) के तहत बोर्ड स्ट्रक्चर से जुड़े नियमों का पालन नहीं करने के लिए की गई है। हिंदुस्तान जिंक पर यह जुर्माना सोमवार 17 मार्च 2025 को लगाया गया। हालांकि कंपनी ने शेयर बाजारों को आज 18 मार्च को भेजी एक सूचना में इस जुर्माने की जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि उसके बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टरों की आवश्यक संख्या पूरी नहीं होने के कारण यह दंड लगाया गया है।
हिंदुस्तान जिंक ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि इंडिपेंडेंट डायरेक्टरों की नियुक्ति में देरी भारत सरकार के खनन मंत्रालय (Ministry of Mines) से मंजूरी मिलने में देरी होने के कारण हो रही है। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, “हम लगातार खनन मंत्रालय से संपर्क कर रहे हैं ताकि नियामकीय आवश्यकताओं का पालन सुनिश्चित किया जा सके।”
हालांकि, कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि यह समस्या कब तक हल हो जाएगी, लेकिन उसने भरोसा दिलाया कि वह सरकार के साथ मिलकर इसे जल्द सुलझाने के प्रयास कर रही है।
हालांकि यह जुर्माना वित्तीय रूप से कंपनी के लिए बड़ा नहीं है, लेकिन इससे वेदांता ग्रुप की कॉरपोरेट गवर्नेंस (Corporate Governance) पर सवाल जरूर खड़े होते हैं। निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि किसी बड़ी लिस्टेड कंपनी के लिए इस तरह का नियामक उल्लंघन उसकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इस घोषणा से पहले हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में आज 18 मार्च को मामूली बढ़त देखी गई। बीएसई पर हिंदुस्तान जिंक का शेयर पिछले दिन के मुकाबले 0.30 फीसदी बढ़कर 436.60 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इस साल अबतक कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन लगभग सपाट रहा है। हालांकि पिछले एक साल में इसने अपने निवेशकों को 47.85 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है।
