Last Updated on March 8, 2025 19:05, PM by Pawan
Share Market: लगातार तीन हफ्ते की गिरावट के बाद, भारतीय शेयर बाजार ने जोरदार वापसी की और सप्ताह के अंत में करीब 2% की बढ़त के साथ बंद हुआ. अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतों से बाजार में सुधार हुआ, जिससे निवेशकों में विश्वास बढ़ा. निफ्टी 22,552.50 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 74,332.58 पर बंद हुआ, जो एक महत्वपूर्ण उछाल दर्शाता है.
इन फैक्टर्स ने निवेशकों का बढ़ाया विश्वास
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनुसंधान अजीत मिश्रा ने कहा, अमेरिकी टैरिफ में देरी और आगे की बातचीत की संभावना की रिपोर्ट के बाद ग्लोबल सेंटीमेंट में सुधार हुआ, जिससे वित्तीय बाजारों को स्थिर करने में मदद मिली. इसके अलावा, कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया.
डॉमेस्टिक फ्रंट पर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सिस्टम में एडिशनल लिक्विडिटी डालने के फैसले ने सकारात्मक गति को बढ़ाया. मिश्रा ने कहा, इन कारकों की वजह से सभी क्षेत्रों में व्यापक आधार पर तेजी आई, जिसमें मेटल (Metal), एनर्जी (Energy) और फार्मास्यूटिकल (Pharma) स्टॉक सबसे अधिक फायदे में रहे. व्यापक इंडेक्सेस ने भी प्रभावशाली फायदा दर्ज किया, जो 2.6 से 5.5% के बीच बढ़ा.
मिड और स्मॉलकैप में सुधार के बाद लगातार खरीदारी
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला ने कहा कि बाजार की मजबूती व्यापक आधार पर रिकवरी की वजह से देखी गई, निफ्टी 50 उचित वैल्यूएशन के करीब स्थिर हो गया, जबकि मिड (Mid cap) और स्मॉल-कैप (Small cap) में हाल के सुधारों के बाद लगातार खरीदारी देखी गई.
अप्पाला ने कहा, लार्ज कैप (Large Cap) अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं, निफ्टी 50 का P/E 20 गुना से नीचे है, जो ऐतिहासिक मानदंडों के अनुरूप है. कॉरपोरेट बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है और 10-12% सालाना इनकम ग्रोथ से स्थिरता मिलने की उम्मीद है. इस तेजी को बनाए रखना अर्निंग रिकवरी और व्यापक बाजार भावना पर निर्भर करता है.
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सतर्क रुख बनाए रखने की सलाह
विशेषज्ञों ने कहा कि जबकि लार्ज कैप बेहतर स्थिति में दिख रहे हैं, लेकिन व्यापक बाजार तब तक कंसोलिडेट हो सकता है जब तक कि आय बढ़ोतरी में तेजी नहीं आती. आगामी कारोबारी सप्ताह छुट्टियों के कारण छोटा रहेगा, क्योंकि बाजार सहभागी प्रमुख घरेलू घटनाओं की अनुपस्थिति में वैश्विक घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखेंगे.
विशेषज्ञों ने कहा कि टैरिफ वार्ता, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी डॉलर (US Dollar) और कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) पर उनके प्रभाव पर ताजा अपडेट देखने लायक मुख्य कारक हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए निवेशकों को सकारात्मक लेकिन सतर्क रुख बनाए रखने की सलाह दी जाती है.