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Word of the Week: Nifty ने निगेटिव Return के तोड़े रिकॉर्ड, आंकड़ों में समझिए क्या हुआ

Word of the Week: Nifty ने निगेटिव Return के तोड़े रिकॉर्ड, आंकड़ों में समझिए क्या हुआ

Last Updated on March 1, 2025 10:59, AM by Pawan

 

बाजार में लगातार 5 महीनों से ज्यादा वक्त से करेक्शन चल रहा है और सेंसेक्स-निफ्टी बड़ी गिरावट देख चुके हैं, लेकिन अब मामला रिकॉर्डब्रेकिंग निगेटिव रिटर्न तक पहुंच गया है. निफ्टी ने 28 सालों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. स्टॉक मार्केट में लगातार 5 महीनों से गिरावट है और सेंसेक्स-निफ्टी 14-15 पर्सेंट गिर चुके हैं. रिकॉर्ड हाईज़ से कंपेयर करें तो…

– सेंसेक्स ने पिछले साल 27 सितंबर को 85,978.25 का ऑल टाइम हाई बनाया था.

– उसी दिन निफ्टी ने भी 26,277.35 अंक का रिकॉर्ड हाई बनाया था.

– जुलाई, 96- नवंबर, 96- 29% (↓)

– अगले 3 महीने- 20% (↑)

लेकिन अब करेक्शन के साथ ही निफ्टी लगातार 5 महीनों से निगेटिव रिटर्न दे रहा है, जोकि 28 सालों में पहली बार हुआ है. निफ्टी ने पिछली बार 1996 ने लगातार 5 महीने निगेटिव रिटर्न दिया था. तब जुलाई से नवंबर 1996 के बीच निफ्टी करीब 29% गिरा था. लेकिन उसके बाद अगले 3 महीने निफ्टी ने 20% पॉजिटिव रिटर्न दिया. सेंसेक्स ने अभी तक सबसे खराब प्रदर्शन दिखाते हुए लगातार 8 महीने से निगेटिव रिटर्न दिया है. सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 तक 8 महीनों में सेंसेक्स 37% गिरा था. तब तक निफ्टी की शुरुआत नहीं हुई थी. इस बार 5 महीनों में निफ्टी 15% गिरा है और कम से कम 9-10 से सेशन में लगातार 23,000 के नीचे बंद हुआ है.

क्यों लगातार गिर रहे हैं बाजार?

बाजार में गिरावट के पीछे कुछ क्लियर फैक्टर्स हैं-

– हाई वैल्युएशंस

– FIIs यानी फॉरेन फंड्स का बाजार से पैसा निकालना

– अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी

– कंपनियों की ओर से कमजोर दूसरी और तीसरी तिमाही के नतीजे

– भारत की धीमी होती इकोनॉमिक ग्रोथ की चिंता

– और इसके साथ ही अमेरिका की ओर से टैरिफ वॉर का बड़ा ट्रिगर

जोकि ग्लोबल बाजारों में बड़ा डर पैदा कर रहा है. इंडियन स्टॉक मार्केट्स से FIIs लगातार अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. अकेले 2025 में ही अब तक FIIs एक लाख करोड़ रुपये से अधिक पैसा निकाल चुके हैं.

आगे क्या?

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि जबतक बड़े सेक्टर्स की कंपनियां अच्छे नतीजे नहीं देती हैं, FIIs बिकवाली नहीं रोकते हैं. ग्लोबल लिक्विडिटी और स्टेबल करेंसी मार्केट देखने को नहीं मिलता है, साथ ही टैरिफ पर अनसर्टेनिटीज़ बनी रहती हैं, तबतक मार्केट्स वॉलेटाइल रहेंगे. क्योंकि अच्छी खबरों पर भी बाजार रिकवर नहीं हो पाए हैं. फिलहाल जो सिचुएशन है, वहां तो रिकवरी के इंडिकेशन नहीं दिख रहे हैं, तो Ofcourse बाजार की चाल पर अभी नजरें बनी रहेंगी.

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