Last Updated on March 1, 2025 20:06, PM by Pawan
16वें फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने लंबी अवधि में इंडिया की अच्छी ग्रोथ की उम्मीद जताई है। 1 मार्च को उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित देश बनने का भारत का लक्ष्य पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि एक तरफ अतिरिक्त रिफॉर्म्स जरूरी है तो दूसरी तरफ इंडिया करेंट प्राइसेज पर डॉलर में जरूरी इकोनॉमिक ग्रोथ को बनाए रखने की स्थिति में है। 2003-04 से लेकर बीते 21 साल में डॉलर में इंडिया की ग्रोथ करेंट प्राइसेज पर 10.1 फीसदी रही है।
अर्थव्यवस्था से जुड़े मामलों में जरूरी है स्टैबिलिटी
पनगढ़िया ने कहा कि अगर हम इस ग्रोथ रेट को अगले 10 सालों तक जारी रखते हैं तो इंडिया 9.5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी होगा। उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े मामलों में स्टैबिलिटी और डेमोक्रेटिक गवर्नेंस जारी रखने पर भी जोर दिया। उन्होंने इन्हें ग्रोथ के लिए जरूरी शर्तें बताया। उन्होंने कहा कि अगर इंडिया 2047 तक प्रति व्यक्ति 14,000 डॉलर की आय तक पहुंचना चाहता है तो करेंट प्राइसेज पर डॉलर में 10.1 फीसदी की सालाना ग्रोथ रेट को बनाए रखना होगा।
2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2,570 डॉलर
उन्होंने कहा कि इंडिया अगर 2023 के डॉलर प्राइसेज पर हाई इनकम कंट्री बनना चाहता है तो उसे प्रति व्यक्ति 14,000 डॉलर इनकम की सीमा को पार करना होगा। 2047 तक प्रति व्यक्ति 14,000 डॉलर की इनकम तक पहुंचने के लिए प्रति व्यक्ति आय में 7.3 फीसदी ग्रोथ जरूरी है। दिल्ली में 49वें सिविल अकाउंट्स डे के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ये बातें कहीं। 2023-24 में इंडिया की प्रति व्यक्ति आय 2,570 डॉलर थी। उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाने की पूरी गुंजाइश है। इससे आने वाले दशकों में इंडिया की ग्रोथ की क्षमता का इस्तेमाल हो सकता है।
आबादी की ग्रोथ सालना 0.6 फीसदी रहने की उम्मीद
पनगढ़िया ने कहा कि इंडिया की आबादी की ग्रोथ 2047 तक सालाना 0.6 फीसदी जारी रहने की उम्मीद है। इससे इकोनॉमिक ऐक्सपैंशन के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा। इस वजह से विकसित भारत का लक्ष्य अपनी पहुंच के दायरे में लगता है। उन्होंने कहा कि इंडिया की ग्रोथ की रफ्तार 2003-04 में बढ़नी शुरू हुई थी। तब इकोनॉमी ने 7.9 फीसदी ग्रोथ दिखानी शुरू की थी। बीते 21 सालों में इंडिया ने स्थिर कीमतों पर डॉलर में 7.8 फीसदी ग्रोथ हासिल की है। हालांकि, इस दौरान हर साल रुपये में 1 फीसदी की कमजारी आई है।
