स्टॉक मार्केट के लिए 28 फरवरी की तारीख ब्लैक डे के रूप में याद की जाएगी। आज सेसेंक्स और निफ्टी में 2-2 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई। इसकी वजह दुनिया में व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 8.8 लाख करोड़ रुपये घट गया। निफ्टी 9 महीने के निचले स्तर पर आ गया। इनवेस्टर्स इस गिरावट से काफी डर गए हैं। उन्हें यह नहीं समझ आ रहा कि बाजार की आगे की दिशा क्या होगी। सवाल है कि अगर आज किसी निवेशक को 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो इस पैसे को कहां लगाने से जोरदार कमाई होगी?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपके पोर्टफोलियो ने पिछले तीन या चार साल में मुनाफा दिया है और इसके बावजूद आप मौजूदा उतारचढ़ाव को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं तो आपको अपने पोर्टफोलियो में रिस्क घटाना ठीक रहेगा। पोर्टफोलियो का एलोकेशन हमेशा व्यक्ति के रिस्क-रिवॉर्ड प्रोफाइल, गोल और इनवेस्टमेंट की अवधि को ध्यान में रख कर किया जाना चाहिए। निवेशक को मार्केट के उतारचढ़ाव पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
स्टॉक मार्केट में आई गिरावट ने निवेशकों को हिला कर रख दिया है। लेकिन, अचानक सेंटिमेंट में आकर कोई फैसला लेना आपके लिए ठीक नहीं होगा। आपको शेयरों में निवेश घटाने या बढ़ाने का फैसला अचानक नहीं करना चाहिए। साथ ही फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश बढ़ाने से भी बचना होगा। जर्मेनाइट इनवेस्टर सर्विसेज के को-फाउंडर संतोष जोसफ ने कहा, “अगर आपको आज 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो आपको सबसे पहले रिस्क लेने की अपनी क्षमता को देखना होगा।” उन्होंने कहा कि मार्केट में जिस तरह से करेक्शन आया है, उसे देखते हुए निवेश का बड़ा हिस्सा शेयरों में लगाना सही होगा। हालांकि, स्ट्रेटेजी का फोकस निवेशक का लंबी अवधि का लक्ष्य होना चाहिए। उसे शॉर्ट टर्म में बाजार के उतारचढ़ाव पर ध्यान दिए बगैर लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना चाहिए।
पिछले पांच महीनों से मार्केट में लगातार गिरावट के बाद कई सेगमेंट्स में वैल्यूएशन घटी है। सवाल है कि ऐसे में निवेश क्या एकमुश्त किया जाए या SIP का रास्ता अपनाना चाहिए? इलेवर के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर करण अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी निवेशक को आज 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो उसे हर महीने 50,000 रुपये के सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) के साथ एक फ्लोटिंग रेट फंड में लगाना चाहिए। अगले 12-18 महीने बाजार के लिए मुश्किल रह सकते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे निवेश करने से उतारचढ़ाव का असर निवेश पर कम पड़ेगा।
अग्रवाल ने गोल्ड फंड, ग्लोबल फंड, लार्जकैप फंड और मिडकैप फंड में SIP से निवेश करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गोल्ड और इंटरनेशनल इक्विटी डायवर्सिफिकेशन का मौका देते हैं। इसकी वजह यह है कि दोनों का निफ्टी 50 से निगेटिव कोरिलेशन होता है। 1 फाइनेंस के असिस्टेंस वाइस प्रेसिडेंट यश सेदानी ने कहा कि अगर किसी निवेशक को 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो उसे पोर्टफोलियो ऐलोकेशन पर ध्यान देना चाहिए। किसी सिंगल एसेट में निवेश की जगह अलग-अलग एसेट में निवेश करना चाहिए।