Last Updated on February 25, 2025 14:58, PM by Pawan
टाटा मोटर्स का शेयर 25 फरवरी को अपने 52 हफ्ते के लो पर आ गया। यह अपने ऑल-टाइम हाई से 43 फीसदी गिर चुका है। जुलाई 2024 में यह स्टॉक 1,179 रुपये पर पहुंच गया था। यह इसका ऑल-टाइम हाई था। इस स्टॉक पर बिकवाली का दबाव लगातार बना हुआ है। इसकी वजह प्रमुख बाजारों में जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) का कमजोर डिमांड आउटलुक है। घरेलू बाजार में कंपनी के पैसेंजर व्हीकल्स और हेवी कमर्शियल व्हीकल्स की मांग कमजोर रहने का अनुमान है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर अपनी पॉलिसी लागू करते हैं तो इसका असर भी अमेरिका में जेएलआर की बिक्री पर पड़ेगा। JLR की कुल बिक्री में अमेरिकी मार्केट की 25 फीसदी हिस्सेदारी है। सवाल है कि क्या यह स्टॉक काफी ज्यादा टूटने के बाद निवेश के लिए अट्रैक्टिव हो गया है?
वेव्स स्ट्रेटेजी एडवाइजर्स के आशीष कयाल ने कहा, “टाटा मोटर्स के शेयरों का भाव सितंबर-अक्टूबर 2023 के भाव के करीब आ गया है। यह ऑल-टाइम हाई से करीब 50 फीसदी गिर चुका है। इस स्टॉक के लिए 630-640 रुपये के करीब स्ट्रॉन्ग सपोर्ट है। इस सपोर्ट के टूटने की उम्मीद नहीं दिखती।” उन्होंने कहा कि निवेशकों को यह स्टॉक अपने पास बनाए रखना चाहिए। वे इस स्टॉक में कम भाव पर निवेश बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स का स्टॉक फिर से 850-900 रुपये के लेवल पर जाएगा। लेकिन, इसमें कम से कम एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है।
पिछले साल विदेशी ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने टाटा मोटर्स को अपग्रेड किया था। इसे उन शेयरों की लिस्ट में शामिल किया था, जिनके बेहतर प्रदर्शन को लेकर यह ब्रोकरेज फर्म आश्वस्त था। उसने कहा है कि JLR की प्रति शेयर 450 रुपये की एंप्लॉयड शेयर वैल्यू के टारगेट के मुकाबले अभी एंप्लॉयड वैल्यू प्रति शेयर 200 रुपये है। इसका मतलब है कि अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने का ज्यादा असर जेएलआर पर नहीं पड़ेगा। टाटा मोटर्स को कवर करने वाले 34 एनालिस्ट्स में से 20 ने इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है।