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Auto Stocks : देश के ऑटो सेक्टर पर ट्रंप के टैरिफ टैंटरम और टेस्ला की एंट्री का कितना होगा असर?

Auto Stocks : देश के ऑटो सेक्टर पर ट्रंप के टैरिफ टैंटरम और टेस्ला की एंट्री का कितना होगा असर?

Last Updated on February 20, 2025 12:13, PM by Pawan

Trumps tariff : देश के ऑटो सेक्टर के लिए इस वक्त अवसर हैं तो कई सारे चैलेंज भी खड़े हो गए हैं। ट्रंप के आने के बाद मुश्किलें और भी बढ़ रही हैं। ट्रंप आए दिन ऊंचे टैरिफ की धमकी दे रहे हैं वहीं टेस्ला की EV भी भारत में दौड़ने को तैयार है। ट्रंप के टैरिफ टैंटरम का भारतीय कंपनियों पर क्या असर होगा, आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं।

ट्रंप का टैरिफ टैंट्रम

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ का एलान किया है। उन्होंने अमेरिका में एक्सपोर्ट करने वाली ऑटो कंपनियों पर टैरिफ लगाने की बात कही है। ऑटो कंपनियों पर टैरिफ दो अप्रैल से लागू होगा। भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है। अमेरिका की ऑटो के साथ सेमीकंडक्टर और फार्मा पर भी टैरिफ लगाने की तैयारी है।

 

भारतीय ऑटो कंपनियों पर असर

भारतीय ऑटो कंपनियों पर US के 25 फीसद टैरिफ का सीमित असर होने की संभावना है। भारत से अमेरिका को करीब 17,000 गाड़ियों का एक्सपोर्ट होता है। टैरिफ से JLR और M&M की गाड़ियां अमेरिका में 10-15 फीसदी महंगी हो जाएंगी।

भारतीय ऑटो एंसिलरी को फायदा

इस टैरिफ से भारतीय ऑटो एंसिलरी कंपनियों को फायदा हो सकता है। भारत फोर्ज और संवर्धन मदरसन को फायदा संभव है। भारत 6 अरब डॉलर से ज्यादा के पार्ट्स का एक्सपोर्ट करता है। जापान और कोरिया के जवाबी टैरिफ से EV सप्लाई चेन में मौके बनेंगे। अमेरिका भारत से EV बैटरी इंपोर्ट बढ़ा सकता है। भारत का EV बैटरी मार्केट 2030 तक चार गुना हो सकता है।

टेस्ला की एंट्री: किसको नफा, किसको नुकसान

टेस्ला EV की भारत में जल्द एंट्री संभव है। टेस्ला के आने से ऑटो एंसिलरी के लिए बड़े मौके संभव हैं। अभी 7 बड़ी लिस्टेड कंपनियां टेस्ला को ऑटो पार्ट सप्लाई करती हैं। फिलहाल टेस्ला का भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने का इरादा नहीं हैं। अभी भारतीय OEM से सोर्सिंग बढ़ाने की योजना। टेस्ला के आने ले OEM पार्ट्स सोर्सिंग बढ़ेगी, 2025 तक इससे होने वाली कमाई 1 अरब डॉलर के पार जा सकती है।

पुणे में लग सकता है टेस्ला का पहला प्लांट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला पुणे में पहला प्लांट लगा सकती है। पुणे के चाकन और चिखली में पहला प्लांट संभव है। चाकन देश के सबसे बड़े ऑटो मैन्युफैक्चरिंग हब में से एक है। चाकन में मर्सिडीज-बेंज,टाटा मोटर्स और फॉक्सवैगन के प्लांट हैं।

टेस्ला को पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनियां

टेस्ला को पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनियों में संधार टेक्नोलॉजीज, SKF इंडिया, सुंदरम फास्नर,VARROC इंजीनियरिंग, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, सोना BLW, भारत फोर्ज के नाम शामिल हैं। इनको टेस्ला की एंट्री से फायदा हो सकता है।

वहीं, टेस्ला की एंट्री से हमारी EV बनाने वाली कंपनियों के लिए चैलेंज पैदा हो सकता है। EV में टाटा मोटर्स और M&M बड़े प्लेयर हैं। हाल ही में मारुति और हुंडई ने भी अपनी EV पेश की है। इन ऑटो कंपनियों की 13-20 फरवरी की चाल पर नजर डालें तो M&M में 8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, टाटा मोटर्स में 0.44 फीसदी और मारुति सुजुकी में1.87 फीसदी की कमजोरी देखने को मिली है।

टेस्ला की प्राइसिंग अहम होगी। बाजार जानकारों का कहना है कि भारत में टेस्ला की गाड़ियों की कीमतें अहम होंगी। भारत में EVs गाड़ियों की पहुंच अनुमान से कम हैं। पिछले साल इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री करीब 1 लाख यूनिट रही है। उधर मस्क के लिए भारत जरूरी हो गया है।

टेस्ला के लिए ज्यादातर ग्लोबल मार्केट से सुस्ती के संकेत हैं। चीन और यूरोप में स्लोडाउन है। भारत ऑटो के लिए बहुत बड़ा बाजार

टेस्ला के इंडिया प्लान पर नजर डालें तो इसने भारत में भर्ती शुरू कर दी है। कंपनी ने 13 वेकेंसियां निकाली हैं। सर्विस ऑपरेशन और डिलिवरी ऑपरेशन के लिए भर्ती की गई है। सर्विस मैनेजर और स्टोर मैनेजर के लिए भी भर्ती शुरू हुई है। मुंबई के लिए हायरिंग की शुरूआत हुई है। PM मोदी और एलॉन मस्क की मुलाकात के बाद कदम ये कदम उठाया गया है।

टेस्ला के इंडिया प्लान पर ट्रंप

इस बीच यूएस प्रेसीडेंट ट्रंप में कहा है कि मस्क भारत में फैक्ट्री खोलते हैं तो ठीक है। लेकिन ये US के लिए सही नहीं है। टेस्ला के लिए भारत में कार बेचना तकरीबन असंभव है। भारत कारों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाता है। दुनिया का हर देश हमारा फायदा उठाता है। जो देश जितना टैरिफ लगाएंगा, उतना ही US भी लगाएगा

मेक इन इंडिया को मेगा पुश

गौरतलब है की देश में मेक इन इंडिया को मेगा पुश दिया जा रहा है। नई EV पॉलिसी में इंपोर्ट टैक्स घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है।

कम टैरिफ के लिए 50 करोड़ डॉलर का निवेश जरूरी। इसके साथ ही भारत में प्लांट लगाना भी जरूरी है।

टेस्ला की एंट्री पर आनंद महिंद्रा

इस बीच टेस्ला की एंट्री पर आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके कहा है कि हम कंपिटीशन के लिए हमेशा से तैयार रहे हैं। ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि 1991 में ग्लोबलाइजेशन के बाद से ही हमसे ये सवाल पूछे जाते रहे हैं कि आप टाटा, मारुति, मल्टीनेशनल कंपनियों से कैसे मुकाबला करेंगे? इन सवालों के बीच हम आज भी मौजूद हैं और आगे भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए जुनून के साथ काम करते रहेंगे,आपका प्रोत्साहन मिला तो हम कर दिखाएंगे।

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