Last Updated on February 7, 2025 15:30, PM by Pawan
नई दिल्ली: स्टॉक मार्केट में कई ऐसे शेयर हैं जो निवेशकों को पलभर में ही अमीर बना देते हैं। वहीं कुछ ऐसे हैं जो नुकसान कराने में भी देर नहीं करते। कुछ महीनों पहले शेयर मार्केट में ऐसे ही एक शेयर ने हलचल मचा दी थी। यह शेयर एक झटके में 66,92,535% उछल गया था। जहां इसकी कीमत सिर्फ 3.53 रुपये थी, यह एक झटके में 2,36,250 रुपये हो गई थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं।इस शेयर का नाम एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Elcid Investments Ord Shs) है। यह शेयर 29 अक्टूबर 2024 को उस समय चर्चा में आ गया था जब इसकी कीमत एक ही झटके में 3.53 रुपये से उछलकर 2,36,250 हो गई थी। उस समय यह भारत का सबसे महंगा शेयर बन गया था। उस समय अगर किसी के पास इसके 50 शेयर भी होंगे, तो वह करोड़पति बन चुका होगा।
देखते ही देखते बढ़ गई थी कीमत
2,36,250 रुपये पर पहुंचने के बाद इसकी कीमत रॉकेट हो गई थी। कई दिनों तक इसमें लगातार तेजी आती रही। 8 नवंबर को यह 3,30,473 रुपये पर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें गिरावट का दौर शुरू हो गया। कुछ मौकों को छोड़ दिया जाए तो इसमें तेजी नहीं आई। हालांकि 28 जनवरी से इसमें कुछ तेजी आई थी, लेकिन यह ज्यादा लंबे समय तक नहीं रही।
अब कितनी है कीमत?
शुक्रवार को इसके शेयर में करीब 4 फीसदी की गिरावट आई। इस गिरावट के साथ यह शेयर दोपहर तीन बजे करीब 1,45,000 रुपये पर आ गया था। यानी 2,36,250 रुपये से लेकर इसमें अब तक 91,250 रुपये यानी करीब 39 फीसदी की गिरावट आ गई है।
तीन महीने में आधी भी नहीं रही वैल्यू
यह शेयर 8 नवंबर 2024 को अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। उस समय इसकी कीमत 3,30,473 रुपये हो गई थी। अभी यह करीब 1,45,000 रुपये पर है। ऐसे में ऑल टाइम हाई के मुकाबले इसकी कीमत आधी भी नहीं बची है। इन तीन महीनों में इसमें 56 फीसदी की गिरावट आ गई है।
कभी 3 रुपये थी कीमत
यह शेयर साल 2011 से 3 रुपये पर था। लेकिन इसकी बुक वैल्यू 5,85,225 रुपये थी। जिन निवेशकों के पास यह शेयर था, इस बड़े अंतर के कारण वे इसे बेचना नहीं चाहते थे। इसके चलते साल 2011 से इसमें कोई ट्रेडिंग नहीं हुई थी।
होल्डिंग कंपनियों के मौजूदा बाजार मूल्य और बुक वैल्यू के बीच के अंतर को कम करने के लिए सेबी ने शेयर बाजारों को उन होल्डिंग कंपनियों के लिए एक विशेष नीलामी सत्र आयोजित करने को कहा था, जिनके शेयर उनके बुक वैल्यू की तुलना में बहुत कम कीमत पर कारोबार कर रहे थे। इसके चलते इसमें 67 लाख फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
