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इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, पुरानी या नई टैक्स रिजीम में कौन बेहतर विकल्प? जानें तमाम सवालों के जवाब

इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, पुरानी या नई टैक्स रिजीम में कौन बेहतर विकल्प? जानें तमाम सवालों के जवाब

Last Updated on February 1, 2025 17:41, PM by Pawan

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 8वें बजट में मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत दी है। उन्होंने अपने बजट भाषण में संशोधित टैक्स स्लैब्ल का ऐलान किया है, जिससे कई लोगों को यह कनफ्यूजन हो गया है कि उनकी इससे कितनी राहत मिलेगी। हम आपको यहां बजट में ऐलान किए टैक्स बदलावों से जुड़े सवालों के जवाब पेश कर रहे हैं

नए टैक्स स्लैब क्या हैं?

बजट 2025 में नई रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। किसी वेतनभोगी शख्स को 4 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 4-8 लाख रुपये के ब्रैकेट में 5 पर्सेंट इनकम टैक्स लगेगा। 8 लाख-12 लाख रुपये के ब्रैकेट पर यह टैक्स दर बढ़कर 10 पर्सेंट हो जाएगी। 12 लाख-16 लाख रुपये, 16 लाख-20 लाख रुपये, 20 लाख-24 लाख रुपये के लिए टैक्स रेट क्रमशः 15%, 20% और 25% हैं।

स्लैब में किस तरह बदलाव हुआ है?

जीरो टैक्स के लिए आय सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है। 5 पर्सेंट टैक्स के लिए आय सीमा अब 4 लाख-8 लाख रुपये है, जबकि पहले यह सीमा 3-7 लाख रुपये थी। 7 लाख रुपये-10 लाख रुपये की आय पर 10 पर्सेंट टैक्स लगता है, जिसका ब्रैकेट बदलकर अब 8-12 लाख रुपये कर दिया गया है। पहले 12-15 लाख रुपये की आय पर 15 पर्सेंट टैक्स लगता है और अब यह इस टैक्स ब्रैकेट के लिए आय सीमा बढ़ाकर 12 लाख-16 लाख रुपये कर दी गई है।

साथ ही, 15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 पर्सेंट टैक्स के प्रावधान में भी बदलाव किया गया है। 16 लाख-20 लाख रुपये की आय वाले ब्रैकेट में अब 20 पर्सेंट टैक्स लगेगा, जबकि 20 लाख-24 लाख रुपये की आय सीमा पर 25 पर्सेंट और 24 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 पर्सेंट टैक्स लगेगा।

12 लाख रुपये तक की इनकम कैसे टैक्स फ्री होगी?

बजट दस्तावेज के मुताबिक, सरकार उन लोगों को छूट मुहैया कराएगी, जिनकी इनकम 12 लाख रुपये तक है। वेतनभोगी लोगों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये है, जिसमें 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। बजट दस्तावेज में एक टेबल है, जो सरकार की छूट को दिखाता है। इसके तहत 8 लाख रुपये की आय पर 10,000 रुपये की छूट है, जो 12 लाख रुपये पर बढ़कर 80,000 रुपये तक पहुंच जाती है।

अगर सैलरी 16 लाख रुपये सालाना है, तो टैक्स कैलकुलेशन कैसे होगा

मिसाल के तौर पर अगर सालाना इनकम 16 लाख रुपये तक है, जो 4 लाख रुपये तक जीरो टैक्स लगेगा। इसके बाद 4-8 लाख ब्रैकेट में टैक्स 20,000 रुपये होगा। 8 लाख-12 लाख रुपये के ब्रैकेट में 10 पर्सेंट टैक्स लगेगा-40,000 रुपये। 12 लाख से 16 लाख रुपये की कैटेगरी में रेट 15 पर्सेंट है यानी यह 60,000 रुपये होगा। इस तरह, आपको कुल 1,20,000 रुपये टैक्स देना होगा। इस आय पर फिलहाल जो टैक्स लग रहा है, उससे यह रकम 50,000 रुपये कम है।

अगर सैलरी 50 लाख रुपये है, तो क्या?

ऊंची सैलरी वाले लोगों के लिए नए स्लैब में 1 लाख रुपये से ज्यादा है। उदाहरण के तौर पर 50 लाख रुपये सालाना कमाई वाले शख्स को अब 10,80,000 रुपये इनकम टैक्स देना होगा, जो मौजूदा टैक्स से 1,10,000 रुपये कम है।

ओल्ड टैक्स रिजीम और छूट

बजट दस्तावेज में साफ किया है कि नए स्लैब उन लोगों के लिए हैं, जो नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुनेंगे। इसका मतलब यह है कि पुरानी रिजीम में स्लैब नहीं बदलेगा।

क्या आपको पुरानी से नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुनना चाहिए?

आपको नई रिजीम का विकल्प चुनना चाहिए, यह आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल और इस बात पर निर्भर करेगा कि पुरानी रिजीम के तहत आप कितनी छूट क्लेम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप इनकम 16 लाख रुपये सालाना है और आप 4 लाख की छूट दिखाते हैं, तो आपकी टैक्स योग्य इनकम 12 लाख रुपये होगी। अब पुरानी टैक्स रिजीम स्लैब के तहत आपको कुल 1,77,500 रुपये टैक्स देने होंगे। यह नई रिजीम के तहत आपकी कुल टैक्स योग्य राशि से 57,000 रुपये ज्यादा है।

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