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चीन के DeepSeek को देख उड़ गए तोते, इस दिग्‍गज अमेर‍िकी कंपनी के शेयरों में आई गिरावट से समझ‍िए डर

चीन के DeepSeek को देख उड़ गए तोते, इस दिग्‍गज अमेर‍िकी कंपनी के शेयरों में आई गिरावट से समझ‍िए डर

Last Updated on January 27, 2025 22:12, PM by Pawan

नई दिल्‍ली: चीन के एआई स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) ने तोते उड़ा दिए हैं। उसने पश्चिमी चैटबॉट्स की तुलना में कम कीमत पर समान प्रदर्शन का मॉडल पेश किया है। डीपसीक मॉडल ऐपल एप स्टोर में टॉप पर पहुंच गया है। इसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार में आज एनवीडिया कॉर्प (Nvidia Corp) के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे नास्‍डैक पर कंपनी के शेयर की कीमत $126.75 थी। यह 11.13% यानी $15.87 की गिरावट है। इस दौरान तकनीकी कंपनियों वाला नास्‍डैक कम्पोजिट इंडेक्स भी 0.50% यानी 99.38 अंक टूटकर 19,954.30 पर पहुंच गया था।DeepSeek के संस्थापक क्वांट फंड प्रमुख लियांग वेनफेंग हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते ही अपना नवीनतम AI मॉडल जारी किया है। यह अब OpenAI और Meta Platforms Inc. जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर देता दिख रहा है। इसका ओपन-सोर्स प्रोडक्ट ऐपल इंक. के ऐप स्टोर रैंकिंग में टॉप पर है।

शेयरों में ग‍िरावट की वजह समझ‍िए

एनवीडिया के शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह डीपसीक का कम कीमत पर बेहतर AI मॉडल पेश करना है। यह अमेरिका की ओर से चीन को एडवांस्‍ड सेमीकंडक्टर तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद हुआ है। अमेरिका ने कई देशों, यहां तक कि अपने सहयोगियों को भी, एडवांस्‍ड एनवीडिया AI चिप्स की बिक्री सीमित कर दी है।

जेफरीज के विश्लेषकों ने अपने ग्राहकों को लिखे एक नोट में कहा, ‘इस बात की चिंता तुरंत उभर कर सामने आई है कि यह वर्तमान AI बिजनेस मॉडल के लिए एक व्यवधान पैदा कर सकता है, जो हाई-क्‍वालिटी चिप्स और व्यापक कंप्यूटिंग पावर पर निर्भर करता है।’

बाइडेन प्रशासन के दबाव के बाद नीदरलैंड सरकार ने भी चीन को इमर्शन डीप अल्ट्रावायलेट लिथोग्राफी सिस्टम के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है। इसी वजह से नीदरलैंड की कंपनी ASML के शेयरों में भी गिरावट देखी गई है।

अमेर‍िका ने लगाए हैं प्रत‍िबंध

रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक ने सीमित संसाधनों के साथ अधिक दक्षता पर फोकस करके इस प्रतिबंध के आसपास काम किया। यह सब उस समय हो रहा है जब OpenAI, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और ओरेकल कॉर्प ने अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाने के लिए स्‍टारगेट नाम के एक $100 अरब के संयुक्त उद्यम की घोषणा की है। इस संयुक्त उद्यम को स्‍टारगेट कहा जाता है। इसका उद्देश्य अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाना है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी दुनिया का सबसे बड़ा AI संचालित डेटा सेंटर जामनगर में बनाने की योजना बना रहे हैं।

DeepSeek के उदय ने AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में AI तकनीक का विकास कैसे होता है। साथ ही यह विभिन्न कंपनियों के व्यवसाय को कैसे प्रभावित करता है। Nvidia जैसे बड़ी कंपनियों के लिए यह एक चुनौती है कि वह कैसे नए और सस्ते AI मॉडल्स से प्रतिस्पर्धा करेंगी।

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