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Market This Week: इस हफ्ते कैसा रहेगा बाजार का मूड; बजट 2025, Q3 नतीजों, FOMC मीट, US GDP समेत इन अहम फैक्टर्स से होगा तय

Market This Week: इस हफ्ते कैसा रहेगा बाजार का मूड; बजट 2025, Q3 नतीजों, FOMC मीट, US GDP समेत इन अहम फैक्टर्स से होगा तय

Last Updated on January 26, 2025 18:12, PM by Pawan

शेयर बाजारों में 24 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में भी गिरावट रही। बेंचमार्क इंडेक्स लगातार तीसरे सप्ताह नीचे आए। FII की ओर से लगातार बिकवाली और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता के कारण बिकवाली जारी रही। इसके अलावा, मार्केट पार्टिसिपेंट्स केंद्रीय बजट 2025 और फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग से पहले सतर्क दिख रहे हैं। बीते सप्ताह निफ्टी 50 इंडेक्स 111 अंक गिरकर 23,092 पर और बीएसई सेंसेक्स 429 अंक गिरकर 76,190 पर आ गया। वहीं निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 2.5 प्रतिशत की गिरावट और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 4 प्रतिशत की गिरावट आई।

विशेषज्ञों का कहना है कि नए सप्ताह में केंद्रीय बजट, पॉलिसी रेट्स पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मीटिंग, कंपनियों की तिमाही आय, दिसंबर तिमाही के लिए अमेरिका की जीडीपी के आंकड़े जैसी बड़ी घटनाओं से संकेत लेते हुए बाजार में मजबूती रह सकती है।

 

सभी की निगाहें 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट 2025 पर टिकी हुई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वह खपत को बढ़ावा देने वाले और आर्थिक विकास को सपोर्ट करने वाले उपायों पर फोकस करेंगी। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.7-4.8 प्रतिशत रहेगा, जबकि बजट अनुमान 4.9 प्रतिशत है। सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए इसके 4.4-4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। बजट से पहले पीएसयू और कैपेक्स थीम वाले शेयरों जैसे- रेलवे, रक्षा और कैपिटल गुड्स पर फोकस किया जाएगा।

कॉरपोरेट आय

नए सप्ताह में 500 से अधिक कंपनियां दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी करेंगी। इनमें कोल इंडिया, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन, टाटा स्टील, बजाज ऑटो, सिप्ला, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, इंडसइंड बैंक, नेस्ले इंडिया, सन फार्मास्युटिकल, अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

इसके अलावा, हुंडई मोटर इंडिया, पीबी फिनटेक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, गेल इंडिया, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, बंधन बैंक, श्री सीमेंट, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी, अदाणी टोटल गैस, अदाणी विल्मर, बजाज हाउसिंग फाइनेंस, इमामी, फेडरल बैंक, इंद्रप्रस्थ गैस, BHEL, बॉश, कोलगेट पामोलिव, एक्साइड इंडस्ट्रीज, JSW एनर्जी, JSW इंफ्रास्ट्रक्चर, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज, महानगर गैस, SBI कार्ड्स, सुजलॉन एनर्जी, टीवीएस मोटर, अदाणी पावर, ब्लू स्टार, वोल्टास, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोकॉन, डाबर इंडिया, जिंदल स्टील एंड पावर, कल्याण ज्वैलर्स, डॉ. लाल पैथलैब्स, वारी एनर्जीज, LIC हाउसिंग फाइनेंस, मैरिको और विशाल मेगा मार्ट जैसी कई दूसरी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं।

घरेलू आर्थिक डेटा

आर्थिक डेटा के मोर्चे पर, दिसंबर के लिए वित्तीय घाटे और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट की घोषणा 31 जनवरी को की जाएगी। इसके अलावा, 17 जनवरी को समाप्त 15 दिनों के टाइम पीरियड के लिए बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ के आंकड़े, और 24 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े भी उसी दिन जारी किए जाएंगे।

फेड ब्याज दर और अमेरिकी GDP

वैश्विक स्तर पर, मार्केट पार्टिसिपेंट्स की नजर नए साल 2025 में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की पहली मीटिंग के नतीजों और अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के लिए अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ के एडवांस एस्टिमेट्स पर रहेगी। अधिकांश अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि 28-29 जनवरी को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की मीटिंग में फेडरल रिजर्व, फेड फंड रेट को 4.25-4.5 प्रतिशत की रेंज में रखेगा। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने पिछली मीटिंग में साल 2025 में ब्याज दरों में केवल दो बार कटौती का संकेत दिया था।

फेड के फैसले के अलावा, अमेरिका में नए घरों की बिक्री, नौकरियों के साप्ताहिक आंकड़ों, व्यक्तिगत आय और खर्च, रियल कंज्यूमर स्पेंडिंग के आंकड़ों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

वैश्विक आर्थिक डेटा

मार्केट पार्टिसिपेंट्स यूरोपीय सेंट्रल बैंक के कदम और अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ के फ्लैश डेटा पर बारीकी से नजर रखेंगे। अधिकांश विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगले सप्ताह की बैठक में यूरोपीय सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगा। 29 जनवरी को होने वाली बैंक ऑफ जापान की मॉनेटरी पॉलिसी ​मीटिंग के मिनट्स पर भी नजर रखी जाएगी।

बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधि पर भी नजर रखेगा। वे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में गिरावट के बावजूद भारत में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। FII ने पिछले सप्ताह 22,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे जनवरी में उनकी ओर से कुल बिकवाली 69,080 करोड़ रुपये हो गई। दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने जनवरी में अब तक 66,945 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।

इस सप्ताह के दौरान यूएस के 10-वर्षीय बॉन्ड की यील्ड 0.13 प्रतिशत घटकर 4.617 प्रतिशत रह गई। यूएस डॉलर इंडेक्स 1.77 प्रतिशत घटकर 107.465 पर आ गया। इसके अलावा, भारतीय रुपये में 11 सप्ताह से जारी गिरावट का सिलसिला टूट गया।

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