Last Updated on January 23, 2025 2:47, AM by Pawan
डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर ज्यादा खर्च को लेकर आशावाद (जिसने उनकी शुल्क नीति को लेकर अनिश्चितताएं कम कीं) और सबसे अधिक भार वाले एचडीएफसी बैंक में लाभ ने बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों को बढ़त दिलाई। इससे सूचकांकों ने उछाल के साथ कारोबार की समाप्ति की।
सेंसेक्स 566 अंक चढ़कर 76,405 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी-50 सूचकांक 131 अंकों की बढ़त के साथ 23,155 पर टिका। हालांकि व्यापक बाजारों में बिकवाली का दबाव बना रहा और निफ्टी मिडकैप 100 में 1.3 फीसदी की गिरावट जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 1.6 फीसदी की फिसलन हुई।
बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और बीएसई पर 2,802 शेयर गिरे जबकि 1,142 में बढ़ोतरी हुई। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 2.2 लाख करोड़ रुपये घटकर 422 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस महीने अब तक बाजार पूंजीकरण में 20.1 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है।
3.2 फीसदी चढ़ने वाला इन्फोसिस सेंसेक्स के शेयरों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा और इंडेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला भी। टीसीएस सेंसेक्स के शेयरों में दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला और सेंसेक्स की बढ़त में तीसरा सबसे बड़ा योगदान करने वाला शेयर रहा। आईटी दिग्गजों के शेयरों मे बढ़त तब आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बुनियादी ढांचे के लिए निजी क्षेत्र के 500 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया।
एचडीएफसी बैंक के शेयर में बढ़त से भी इंडेक्स में इजाफा हुआ क्योंकि बैंक के तिमाही नतीजे बाजार के अनुमान के मुताबिक रहे। आय के मोर्चे पर निराशा और एफपीआई की बिकवाली के बीच पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है। साल 2025 में अब तक एफपीआई ने 58,076 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
