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म्यूचुअल फंड SIP चूकने से निवेश पर पड़ता है असर: SIP मिस न हो, इसके लिए सैलरी आने के तुरंत बाद की तारीख तय करें

म्यूचुअल फंड SIP चूकने से निवेश पर पड़ता है असर:  SIP मिस न हो, इसके लिए सैलरी आने के तुरंत बाद की तारीख तय करें

Last Updated on January 12, 2025 14:38, PM by Pawan

 

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से निवेश करने का एक अनुशासित तरीका है। देश में हर माह 26 हजार करोड़ रुपए SIP के जरिए विभिन्न म्यूचुअल फंड स्कीम में आ रहे हैं।

 

अधिकतर मामलों में राशि को तय समय पर बैंक से ऑटो डेबिट कर लिया जाता है। लेकिन कभी-कभी परिस्थितिवश या लापरवाही में निवेशक SIP किस्त भरने में चूक कर जाते हैं। ऐसे में SIP मिस होने का आपके निवेश पर क्या असर पड़ेगा। इसे समझने की कोशिश करते हैं…

क्या SIP छूटने पर पेनल्टी लगती है? म्यूचुअल फंड आम तौर पर मिस हुई SIP पर जुर्माना नहीं लगाते हैं, लेकिन बैंक SIP के लिए खाते में पर्याप्त राशि न होने पर 150 से ₹750 रुपए तक पेनल्टी लगाते हैं, जो बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है। लगातार 3 किस्तें मिस होने पर दैनिक, साप्ताहिक, 15 दिन या मासिक SIP अपने आप कैंसिल हो सकती है। त्रैमासिक, द्वि-मासिक या लंबे अंतराल वाले SIP लगातार दो किस्त मिस होने पर रद्द हो जाती हैं।

यह हमारे निवेश को कैसे प्रभावित करता है? वित्तीय लक्ष्यों के लिए शुरू की गई निवेश यात्रा बाधित हो सकती है। आप बाजार की चाल के अनुरूप रुपी कॉस्ट एवरेजिंग के मौके को खो देते हैं। प्रत्येक मिस हुई SIP से निवेशित राशि कम हो जाती है, जो समय के साथ और आपके कॉर्पस की दिशा में चक्रवृद्धि की शक्ति को सीधे प्रभावित करती है। ऐसे में अपने लक्ष्यों की समय सीमा को समायोजित करने की जरूरत पड़ सकती है। अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भविष्य में बड़े निवेश की जरूरत पड़ सकती है।

SIP मिस न हो, इसके लिए किस तरह की रणनीति अपनाई जानी चाहिए? सुनिश्चित करें कि SIP के लिए सैलरी आने के तुरंत बाद की तारीख का चयन करें। अप्रत्याशित खर्चों और अपर्याप्त शेष राशि की समस्याओं से बचने के लिए खाते में बफर स्टॉक बनाएं। यदि आप वित्तीय बाधाओं का सामना करते हैं, तो तुरंत SIP रद्द करने के बजाय अपने SIP निवेश या विवेकाधीन खर्चों पर पुनर्विचार करें। यदि जरूरी हो तो SIP को संशोधित करने और पॉज यानी रोकने की सुविधा है। बाद में पैसे आने पर इसे फिर शुरू कर सकते हैं।

  • छोटी राशि से निवेश शुरू करें। आय और लाइफ स्टाइल में बढ़ोतरी के साथ निवेश बढ़ाएं। ध्यान रखें… निरंतरता चक्रवृद्धि लाभों को अधिकतम करने की कुंजी है, इसलिए निवेश प्रवाह बनाएं रखें।

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