Last Updated on January 7, 2025 12:37, PM by Pawan
कोरोना वायरस की तरह देश भर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस भी तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के केस बढ़कर 8 हो गए हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 2 केस सामने आए। यहां एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल का लड़का संक्रमित मिला है। दोनों ही बच्चों को लगातार सर्दी-बुखार था। इसके बाद प्राइवेट लैब की जांच में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research – ICMR) ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बाद में इन सैंपल्स को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) के वायरोलॉजी विभाग में भेजा गया।
इससे एक दिन पहले कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस मिलाकर वायरस के कुल 6 मामले सामने आए थे। सभी पीड़ित बच्चे हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि मामलों के बढ़ने से कोविड जैसी स्थिति नहीं बनेगी। देश के 4 राज्यों में संक्रमण के मामले मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि यह वायरस सामान्य है और इससे डरने की जरूरत नहीं है।
दोनों मरीजों की अस्पताल से छुट्टी
नागपुर के जिलाधिकारी ने कहा के ये मामले संदिग्ध थे। इस बारे में जानकारी एक प्राइवेट लैब की ओर से जारी किए गए थे। जबकि आईसीएमआर से जुड़ी लैब से कोई पुष्टि नहीं हुई थी। नमूने एकत्र किए गए हैं और एम्स वायरोलॉजी को भेजे गए हैं। दोनों मरीज ठीक हो गए हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। वहीं HMPV वायरस को लेकर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने स्वास्थ्य विभाग की मींटिग बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी शामिल होंगे। नागपुर में दो संदिग्ध मरीज मिलने के बाद तत्काल बैठक बुलाई गई है। आज दोपहर 3 बजे मुंबई के सेंट जॉर्ज अस्पताल स्थित आरोग्य भवन में इस बैठक का आयोजन किया गया है।
अलर्ट मोड में मुंबई महानगरपालिका
वहीं मुबंई महानगरपालिका भी इस नए वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर आ गई है। जेजे और सेंट जार्ज अस्पताल को मुख्य अस्पताल बनाया गया है। जहां इस वायरस के संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके अलावा नागरिकों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पुणे महानगरपालिका ने भी पुणे के नायडू अस्पताल में इस नए वायरस को लेकर 5 बेड खाली करा लिए हैं। इस वायरस के लक्षणों वाले मरीजों को इन्हीं बेड पर रखा जाएगा। प्राथमिक्ता से इलाज किया जाएगा। आगे अगर मरीज बढ़े तो 5 बेड को 50 बेड में बदला जाएगा और अलग वार्ड बनाया जाएगा।
