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Brightcom Group के शेयरों से कब हटेगा ट्रेडिंग सस्पेंशन? सामने आई नई टाइमलाइन

Brightcom Group के शेयरों से कब हटेगा ट्रेडिंग सस्पेंशन? सामने आई नई टाइमलाइन

Last Updated on January 6, 2025 10:09, AM by Pawan

ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) ने अपने ट्रेडिंग सस्पेंशन को रद्द किए जाने को लेकर एक नई टाइमलाइन साझा की है। कंपनी को अब विश्वास है कि ट्रेडिंग सस्पेंशन को जनवरी महीने के अंदर रद्द कर दिया जाएगा। ब्राइटकॉम ग्रुप ने अपने वीकली अपडेट में कहा, “हर प्रक्रियात्मक जरूरत को तुरंत पूरा किया जा रहा है और मैनेजमेंट को अपनी ओर से किसी भी देरी से बचने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने का भरोसा है।”

डिजिटल मार्केटिंग कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि ट्रेडिंग सस्पेंशन को 14 दिसंबर को या उससे पहले रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि, कंपनी का कहना है कि ट्रेडिंग सस्पेंशन रद्द करने में एक्सटर्नल फैक्टर शामिल हैं, लेकिन कंपनी की प्रोएक्टिव अप्रोच और अपनी जिम्मेदारियों पर बेहद ज्यादा फोकस के चलते विश्वास है कि यह प्रक्रिया जनवरी से आगे नहीं बढ़ेगी।

अपने वीकली अपडेट में ग्रुप ने कहा कि बीएसई रिवोकेशन कमेटी के सदस्यों के साथ मीटिंग बेहद कंस्ट्रक्टिव थी और ट्रेडिंग सस्पेंशन के मुद्दे को हल करने की दिशा में प्रगति सुनिश्चित करने पर फोकस्ड थी। मीटिंग के दौरान इस बात पर रोशनी डाली गई कि सस्पेंशन को रद्द करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार मुख्य समिति की मीटिंग आने वाले सप्ताह में होने वाली है। यह मीटिंग आगामी कदमों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी, जिसमें आगामी अनिवार्य साइट विजिट के लिए टाइमलाइन को अंतिम रूप देना भी शामिल है।

 

कब से और क्यों बंद है शेयरों में नॉर्मल ट्रेडिंग

बता दें कि BSE और NSE के आदेश के अनुसार इस साल जून से ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों में नॉर्मल/रेगुलर ट्रेडिंग बंद है। स्टॉक्स जेड ग्रुप में कैटेगराइज हैं और शेयरहोल्डर्स केवल ट्रेड-फॉर-ट्रेड सेगमेंट में ट्रेड कर सकते हैं। इसके तहत सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही ट्रेड होता है। जुलाई-सितंबर 2023 और अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी नहीं कर पाने के चलते ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों में ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी गई थी। सस्पेंशन की घोषणा मई में की गई थी और 14 जून से ट्रेडिंग बंद हो गई।

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सितंबर और दिसंबर 2023 तिमाही के लिए वित्तीय नतीजों को जारी किए जाने में देरी, रेजिग्नेशन लेटर्स का खुलासा न कर पाने, डायरेक्टर्स के इस्तीफे के खुलासे में देरी सहित अन्य फैक्टर्स को लेकर एक आदेश में कंपनी पर ₹8 लाख का जुर्माना लगाया था।

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