Uncategorized

Q3 Updates: तीसरी तिमाही में FMCG कंपनियों के रेवेन्यू में सिंगल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद, शेयर पर रखें नजर

Q3 Updates: तीसरी तिमाही में FMCG कंपनियों के रेवेन्यू में सिंगल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद, शेयर पर रखें नजर

Last Updated on January 5, 2025 15:24, PM by Pawan

 

FMCG Stocks: चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों पर महंगाई की मार पड़ी है. फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनीज (FMCG) कंपनियों के ग्रॉस मार्जिन में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान गिरावट आने की आशंका है. इसके अलावा इन कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी काफी कम या स्थिर रह सकता है.    ऊंची महंगाई, हाई प्रोडक्शन कॉस्ट और मूल्य निर्धारण संबंधी उपायों से एफएमसीजी कंपनियां प्रभावित हुई है.

FMCG कंपनियों के रेवेन्यू में सिंगल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद

कई एफएमसीजी कंपनियों के रेवेन्यू में निचले स्तर पर सिंगल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है. इसका एक कारण यह हो सकता है कि कई कंपनियों ने दिसंबर तिमाही में कोपरा (Copra), वनस्पति तेल (Vegetable Oil) और पाम ऑयल (Palm Oil) जैसे उत्पादों की बढ़ती लागत के कारण कीमतों में बढ़ोतरी का विकल्प चुना है. कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति के कारण कम खपत ने शहरी बाजार को प्रभावित किया है.

हालांकि, ग्रामीण बाजार जिसका कुल FMCG मार्केट में एक-तिहाई से थोड़ा अधिक हिस्सा है, इससे आगे रहा है. डाबर (Dabur) और मैरिको (Marico) जैसी कुछ लिस्टेड FMCG कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए अपने ‘अपडेट’ साझा किया है. इसके आधार पर एनालिस्ट्स ने इन कंपनियों की वैल्यू में बढ़ोतरी निचले स्तर पर सिंगल डिजिट में या सपाट रहने की उम्मीद जताई है.

Dabur: कुछ सेगमेंट्स में मंहगाई का दबाव दिखा

घरेलू फार्म डाबर (Dabur) को दिसंबर तिमाही में निचले सिंगल डिजिट की ग्रोथ की उम्मीद है. इस दौरान कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट स्थिर रह सकता है. डाबर ने कहा, कुछ सेगमेंट्स में मंहगाई दबाव देखने को मिला, जिसे आंशिक रूप से तकनीकी कीमत बढ़ोतरी और लागत दक्षता उपायों से कम किया जा सका. कंपनी ने कहा कि तीसरी तिमाही में एफएमसीजी क्षेत्र के लिए ग्रामीण खपत बेहतर रही और यह शहरी क्षेत्र की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ी. कंपनी के पास डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर पुदीनहरा, डाबर लाल तेल, डाबर आंवला, डाबर रेड पेस्ट, रियल और वाटिका जैसे ब्रांड हैं.

कंपनी ने कहा कि वैकल्पिक माध्यम मसलन आधुनिक व्यापार, ई-कॉमर्स (e-commerce) और क्विक कॉमर्स (Quick Commerce) ने मजबूत बढ़ोतरी जारी रखी. वहीं सामान्य व्यापार, जिसमें मुख्य रूप से गली-मोहल्ले की किराना दुकानें शामिल हैं, को तिमाही के दौरान दबाव झेलना पड़ा.

Marico: ऑपरेशनल प्रॉफिट काफी कम रहेगा

मैरिको (Marico) ने भी कुछ इसी तरह की राय जताते हुए कहा कि तिमाही के दौरान क्षेत्र ने सतत मांग बढ़ोतरी दर्ज की है. इस दौरान ग्रामीण खपत में सुधार हुआ है, जबकि पिछली तिमाही की तुलना में शहरी धारणा स्थिर रही है. घरेलू बाजार में बिक्री पर मैरिको ने कहा कि उसे तिमाही-दर-तिमाही आधार पर दिसंबर तिमाही में कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद है. हालांकि, ऊंची उत्पादन लागत की वजह से उसका ऑपरेशनल प्रॉफिट काफी कम रहेगा. मैरिको के पास सफोला, पैराशूट, हेयर एंड केयर, निहार और लिवॉन जैसे ब्रांड का स्वामित्व है.

 शहरी बाजार में दो-तीन तिमाहियों तक और जारी रहेगी सुस्ती

नुवामा के अनुसार, मुद्रास्फीति के दबाव, कम वेतन बढ़ोरी और उच्च आवास किराया लागत के कारण शहरी मांग परिदृश्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. कंपनी ने कहा कि शहरी बाजार में सुस्ती दो-तीन तिमाहियों तक और जारी रहेगी. हालांकि, ग्रामीण बाजार में कुछ सुधार होगा और यह शहरी मांग से बेहतर रहेगी.

(भाषा इनपुट के साथ)

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top