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डिफेंस प्रोडक्शन का आउटलुक दमदार, 20% की दर से ग्रोथ करने का अनुमान

डिफेंस प्रोडक्शन का आउटलुक दमदार, 20% की दर से ग्रोथ करने का अनुमान

Last Updated on December 31, 2024 1:14, AM by Pawan

सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सुधारों और निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के कारण भारत का डिफेंस प्रोडक्शन वित्त वर्ष 24 से वित्त वर्ष 29 के बीच 20 फीसदी के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है. यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई. केयरएज रेटिंग की रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय डिफेंस कंपनियां देश की रक्षा क्षमता बढ़ाने को तैयार है. भारत के डिफेंस सेक्टर में सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के बीच सहयोग ने हथियार और गोला-बारूद, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और नौसेना टेक्नोलॉजी में प्रगति को बढ़ावा दिया है.

मेक इन इंडिया का मिल रहा लाभ

रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की संस्थाएं, चाहे घरेलू हों या बहुराष्ट्रीय, रक्षा आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिसमें उन्हें अपनी इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा. रिपोर्ट में बताया गया कि डिफेंस सेक्टर को सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और उदार एफडीआई नियमों का भी फायदा मिलेगा. इससे डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश आएगा और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ेगी. साथ ही सैन्य उपकरणों के निर्यात में बढ़त देखने को मिलेगी.

डिफेंस बजट में लगातार इजाफा हो रहा है

हाल के वर्षों में भारत का डिफेंस बजट लगातार अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.90 से 2.8 फीसदी के बीच रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, डिफेंस सेक्टर के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपए का पर्याप्त आवंटन किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने वित्त वर्ष 25 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए के डिफेंस प्रोडक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो वित्त वर्ष 29 तक लगभग 20 फीसदी की CAGR से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपए (रक्षा मंत्रालय के अनुसार) होने की उम्मीद है, जो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा महाशक्ति बनने की अपनी प्रतिबद्धता को दिखाता है.

डिफेंस एक्सपोर्ट 28% CAGR से बढ़ा है

ऐतिहासिक रूप से भारत डिफेंस उपकरणों का शुद्ध आयातक रहा है, जो अपनी महत्वपूर्ण सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर बहुत अधिक निर्भर करता है. हालांकि, स्वदेशी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए किए गए ठोस प्रयासों जैसे ‘मेक इन इंडिया’ और नीतिगत सुधारों के समर्थन से इसमें धीरे-धीरे बदलाव आ रहा हैं. पिछले छह वर्षों में (वित्त वर्ष 24 तक) भारतीय डिफेंस प्रोडक्शन लगभग 28 फीसदी के मजबूत CAGR से बढ़ा है. भारत के डिफेंस प्रोडक्शन में विमान, नौसेना प्रणाली, मिसाइल टेक्नोलॉजी और सैन्य हार्डवेयर जैसे विभिन्न उत्पाद शामिल हैं.

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