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एक दिन में रॉकेट हुई इस शेयर की कीमत, Unimech Aerospace की BSE पर 90% के साथ लिस्टिंग

एक दिन में रॉकेट हुई इस शेयर की कीमत, Unimech Aerospace की BSE पर 90% के साथ लिस्टिंग

Last Updated on December 31, 2024 10:19, AM by Pawan

नई दिल्ली: मंगलवार को शेयर मार्केट खुलते ही धड़ाम हो गई। लेकिन मंगलवार को खुले एक आईपीओ ने निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दे दिया। मंगलवार को मेन बोर्ड से यूनीमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (Unimech Aerospace and Manufacturing Ltd) के आईपीओ की शेयर मार्केट में धमाकेदार लिस्टिंग हुई। यह आईपीओ बीएसई पर 90 फीसदी प्रीमियम के साथ 1491 रुपये पर लिस्ट हुआ। ऐसे में इसने निवेशकों को पहले ही दिन करीब दोगुना मुनाफा दे दिया।

यह आईपीओ पिछले हफ्ते 23 दिसंबर को खुला था। इसे निवेशकों का खूब रिस्पांस मिला था। इस आईपीओ को करीब 175 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इस आईपीओ का इश्यू साइज 500 करोड़ रुपये था। कंपनी ने 250 करोड़ रुपये के 32 लाख नए शेयर जारी किए हैं। वहीं ओएफएस के तहत 250 करोड़ रुपये के 32 लाख शेयर जारी किए हैं।

कितना हुआ निवेशकों को फायदा?

इसकी फेस वैल्यू 5 रुपये प्रति शेयर है। वहीं इसका प्राइस बैंड प्रति शेयर 745 से 785 रुपये के बीच था। हालांकि अंतिम प्राइस 785 रुपये तय हुआ। इसकी लिस्टिंग बीएसई पर 1491 रुपये पर हुई। ऐसे में इसने निवेशकों को प्रति शेयर 706 रुपये का फायदा दिया, जो दोगुने से कुछ ही कम है।

कैसी थी ग्रे मार्केट में स्थिति?

इस आईपीओ को ग्रे मार्केट में जबरदस्त भाव मिला था। लिस्टिंग से पहले इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) 625 रुपये था। ग्रे मार्केट के अनुसार इस आईपीओ के करीब 80 फीसदी प्रीमियम के साथ 1410 रुपये पर लिस्ट होने की उम्मीद थी। हालांकि लिस्टिंग जीएमपी से कुछ ज्यादा कीमत पर हुई।

क्या करती है कंपनी?

कंपनी की स्थापना साल 2016 में हुई थी। यह कंपनी एयरोइंजन और एयरफ्रेम प्रोडक्शन के लिए मैकेनिकल असेंबली, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम और कंपोनेंट्स जैसे टूल्स बनाती है।

इसके अलावा यह कंपनी इसमें एयरोस्पेस, डिफेंस, एनर्जी और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में मांग के आधार पर मशीनिंग, फ्रेब्रिकेशन, असेंबली, टेस्टिंग और नए प्रोडक्ट भी बनाती है।

कंपनी क्या करेगी रकम का?

आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपने कारोबार का विस्तार करने में करेगी। इसके लिए कंपनी मई मशीनरी और जरूरी उपकरण खरीदेगी। इसके अलावा कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरत के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल करेगी। साथ ही कंपनी आईपीओ से मिली रकम के कुछ हिस्से का इस्तेमाल लोन की रकम को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से चुकाने में भी करेगी।

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