मनी मैनेजर समीर अरोड़ा का मानना है कि भारत और अमेरिका के शेयर बाजार में पिछले कुछ साल में आई तेजी के बाद अब तक ‘बबल’ जैसा कुछ नहीं दिखा है। उनका यह भी कहना था कि वह इक्विटीज के अलावा गोल्ड पर भी बुलिश हैं। अरोड़ा ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कहा, ‘ पिछले बुल रन में हमारे पास बबल तेजी जैसा मामला नहीं रहा। यह अवधि काफी नपी-तुली रही है, क्योंकि सप्लाई का मामला ठीक रहा है। लोग इसे नेगेटिव तरीके से लेते हैं, लेकिन सप्लाई ने पूरे मार्केट को संतुलन में रखा है।’
जाने-माने निवेशक अरोड़ा का कहना था कि स्टॉक मार्केट की वैल्यूएशंस उचित नहीं हैं। उनके मुताबिक, निफ्टी 500 का 3 साल का रिटर्न तकरीबन 15 पर्सेंट सालाना रहा है, जो कमोबेश हमारे ऐतिहासिक एवरेज की तर्ज पर है। अरोड़ा का यह भी कहना था कि करेक्शन स्टॉक मार्केट में खेलने का जरिया नहीं है। उन्होंने इस राय से असहमति जताई कि अच्छे बाजार में एक करेक्शन निवेश का बेहतर मौका होता है। उन्होंने कहा, ‘मुमकिन है कि इसमें धीरे-धीरे करेक्शन होता हो या गिरने से पहले तेजी आती हो।’
अरोड़ा ने कहा, ‘यह स्पष्ट तौर पर नजर नहीं आ रहा है कि हमें बेयरिश होने, कैश बचाकर रखने या गिरावट के लिए इंतजार करने की जरूरत है।’ समीर अरोड़ा को बाजार में फाइनेंशियल सेक्टर से उम्मीदे हैं और जून 2024 के बाद वह आईटी सेक्टर को लेकर बुलिश हैं। वह फूड डिलीवरी कंपनियों के शेयरों को लेकर भी बुलिश हैं। समीर अरोड़ा ने यह भी बताया कि उन्होंने एक साल पहले टाइटन के शेयरों की बिक्री की थी।
उनका यह कहना था कि वह अमेरिकी शेयरों पर भी बुलिश बने हुए हैं, जहां बुल रन 10-15 टेक स्टॉक्स तक सीमित रहा है और ये सभी कंपनियां कैश रिच और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लाभार्थी रही हैं।