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Budget 2025: ग्रामीण इलाकों में रोड कनेक्टिविटी पर रहेगा फोकस, बजट आवंटन 10% बढ़ा सकती है सरकार

Budget 2025: ग्रामीण इलाकों में रोड कनेक्टिविटी पर रहेगा फोकस, बजट आवंटन 10% बढ़ा सकती है सरकार

यूनियन बजट 2025 में ग्रामीण इलाकों में रोड नेटवर्क को बेहतर बनाने पर सरकार का फोकस रहेगा। इसके लिए सरकार यूनियन बजट 2025 में आवंटन बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के लिए आवंटन 10 फीसदी बढ़ा सकती है। सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए इस योजना के लिए 16,100 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार का फोकस ग्रामीण इलाकों पर जारी रहने की उम्मीद है। खासकर सरकार गांवों में ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दे रही है। केंद्र सरकार ने अगले पांच सालों में ग्रामीण इलाकों में 62,500 किलोमीटर सड़क बनाने का टारगेट रखा है। सरकार ने जुलाई में पेश बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण का ऐलान किया था। इस स्कीम का मकसद दूरदराज के इलाकों तक कनेक्टिविटी बढ़ाना है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार की यह सोच सही है कि ग्रामीण इलाकों में सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने से इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तेज करने और लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिलेगी। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ग्रामीण सड़क योजना के चौथे चरण के तहत 6,614 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए पैसे का आवंटन कर दिया गया है। इसमें से 3,380 किलोमीटर सड़क सिर्फ पश्चिम बंगाल में बनाई जाएगी।

चौहान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत 2000 में हुई थी। तब से अब तक इस स्कीम के तहत 7,69,284 किलोमीटर सड़क बनाई जा चुकी है। कुल 8,34,457 किलोमीटर सड़क बनाने को प्रस्ताव को मंजूरी हासिल है। ग्रामीण इलाकों में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के नतीजे दिखे हैं। वर्ल्ड बैंक की एक स्टडी के मुताबिक, बेहतर रोड नेटवर्क की वजह से खेतों से 8 फीसदी से ज्यादा फसल अब बाजारों में पहुंच रही है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की इनकम दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार ने किसानों के हाथों में सीधे पैसे पहुंचाने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम की शुरुआत की थी। इसके तहत किसानों के बैंक अकाउंट में हर साल 6000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। लंबे समय से इस अमाउंट को बढ़ाने की जरूरत बताई जा रही है।

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