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हैवीवेट Banking Stock दिखा सकता है तगड़ी रैली, ब्रोकरेज की सलाह- खरीदें, 2100 रुपये तक जा सकता है भाव

हैवीवेट Banking Stock दिखा सकता है तगड़ी रैली, ब्रोकरेज की सलाह- खरीदें, 2100 रुपये तक जा सकता है भाव

Last Updated on December 26, 2024 12:46, PM by Pawan

 

Bank Stocks To Buy: भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल बना हुआ है। कोई मजबूत ट्रिगर पॉइंट नहीं मिलने की वजह से बाजार सुस्ती के साथ लगभग सपाट कारोबार कर रहा है। शेयर बाजार में इस सुस्त और उतार-चढ़ाव वाले माहौल के बीच मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर इन्वेस्टमेंट के लिहाज से आकर्षक नजर आ रहे हैं।

बेहतर रिस्क रिवार्ड को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मिराए एसेट शेयरखान (Mirae Asset Sharekhan) ने बैंकिंग सेक्टर की हैवी वेट कंपनी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) पर BUY की सलाह दी है। गुरुवार (26 दिसंबर) को एचडीएफसी का शेयर 1795.75 रुपये प्रति शेयर पर लगभग सपाट कारोबार कर रहा था।

ब्रोकरेज फर्म के अनुसार, ट्रांजिशन और बेहतर रिस्क अवार्ड को देखते हुए एचडीएफसी बैंक का शेयर मजबूत दिखाई दे रहा है। वहीं, हायर रिटेल डिपॉजिट मोबिलाइजेशन और सेल डाउन ऑफ़ लोन पर फोकस से स्टॉक आकर्षक नजर आ रहा है।

HDFC Bank: टारगेट प्राइस 2,100| रेटिंग BUY|

बैंकिंग कंपनी एचडीएफ़सी बैंक (HDFC Bank) के शेयर पर शेयरखान ने लॉन्ग टर्म लिहाज से BUY रेटिंग दी है। साथ ही 2100 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है। यह शेयर पिछले एक महीने में लगभग सपाट रहा है जबकि बीते के एक साल में यह 6.72% चढ़ा है।

गुरुवार (26 दिसंबर) को एचडीएफसी बैंक का शेयर 0.11% गिरकर 1795.75 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। इस तरह मौजूदा भाव से देखें तो स्टॉक भविष्य में करीब 17% का अपसाइड रिटर्न दे सकता है। शेयर का 52 वीक हाई 1,880 रुपये और लो 1,363.45 रुपये है जबकि मार्केट कैप 13,72,765 करोड़ रुपये है।

HDFC Bank पर क्या है ब्रोकरेज की राय

ब्रोकरेज ने कहा कि बैंकिंग इंडस्ट्री में इनसिक्योर्ड रिटेल सेगमेंट में दबाव के बावजूद एचडीएफसी बैंक को पोर्टफोलियो की क्वालिटी पर भरोसा है। यह सेगमेंट पिछले 2 वर्षों में पहले से ही धीमी गति से चल रहा था।

ब्रोकरेज के अनुसार, बैंक का फोकस हायर रिटेल डिपॉजिट मोबिलाइजेशन के साथ लोन की आंशिक बिक्री पर बना हुआ है। बैंक ने लोन टू डिपॉजिट रेश्यो को 85-87% के सामान्य लेवल पर लाने की भी योजना बनाई है।

इसके अलावा सिस्टम में लिक्विडिटी में सुधार के साथ एसेट/लाइबिलिटी में धीरे-धीरे सुधार से मार्जिन में वृद्धि में इजाफा होगा। हालांकि, कम ब्याज दर के कारण नेट इंटरेस्ट मार्जिन में थोड़ी बहुत अस्थिरता हो सकती है लेकिन इस अवधि के दौरान मार्जिन स्थिर रहने की संभावना है।

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