Uncategorized

GST रेट में बढ़ोतरी के फैसले से सेकेंड हैंड कारों के बाजार में आ सकती है सुस्ती

GST रेट में बढ़ोतरी के फैसले से सेकेंड हैंड कारों के बाजार में आ सकती है सुस्ती

Last Updated on December 23, 2024 18:49, PM by Pawan

भारत के सेकेंड हैंड कार मार्केट में सुस्ती देखने को मिल सकती है। जानकारों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल के एक फैसले की वजह से ऐसा हो सकता है। जीएसटी काउंसिल ने इस्तेमाल की जा चुकी कारों पर जीएसटी 12 पर्सेंट से बढ़ाकर 18 पर्सेंट करने का फैसला किया है। हालांकि, जीएसटी दर में बढ़ोतरी सिर्फ उन व्हीकल पर लागू होगी, जो कारोबारी इकाइयों द्वारा खरीदी जा रही हैं। साथ ही, जीएसटी उस वैल्यू पर लागू होगी, जो सप्लायर के मार्जिन (परचेज प्राइस और सेलिंग प्राइस के अंतर) की वैल्यू का प्रतिनिधित्व करती है।

अगर कोई शख्स अपने लिए पुरानी गाड़ियां बेचता या खरीदता है, तो उस पर 12 पर्सेंट टैक्स ही लगेगा। ऑनलाइन यूज्ड कार मार्केटप्लेस कार्स24 (Cars24) के को-फाउंडर और सीईओ विक्रम चोपड़ा ने बताया, ‘ ऐसे देश में जहां कार ओनरशिप सिंगल डिजिट में है, वहां जीएसटी रेट में इस तरह की बढ़ोतरी से सेकेंड हैंड कार बिक्री की प्रक्रिया सुस्त पड़ सकती है।’

जीएसटी रेट में बढ़ोतरी का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब यह सेक्टर अभी शुरुआती दौर में है और तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023 में देश में कुल 51 लाख सेकेंड हैंड कारों की बिक्री हुई और यह इंडस्ट्री 34 अरब डॉलर की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2028 तक यह इंडस्ट्री बढ़कर 73 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है और इस दौरान 1.09 करोड़ सेकेंड हैंड (इस्तेमाल की गई) कारों की बिक्री की उम्मीद है।

चोपड़ा ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में बताया कि सेकेंड हैंड कारें करोड़ों भारतीयों, खास तौर पर टीयर 2/3 शहरों और ग्रामीण इलाकों में आवाजाही करने का अहम जरिया हैं और जीएसटी की नई दर सेक्टर की ग्रोथ संभावनाओं में बाधा डाल सकती है। टैक्स रेट में बढ़ोतरी का बोझ इसलिए भी ज्यादा महसूस होगा कि सेकेंड हैंड गाड़ियों की मरम्मत और मेंटेनेंस में इस्तेमाल होने वाले इनपुट पार्ट्स और सर्विसेज पर पहले से 18 पर्सेंट जीएसटी लग रहा है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top