Last Updated on December 17, 2024 15:10, PM by Pawan
विदेशी फंड कई उभरते और विकसित बाजारों (ईएम और डीएम) से परहेज कर रहे हैं और डॉनल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी से पहले अमेरिकी निवेश पर जोर दे रहे हैं। इलारा कैपिटल की ग्लोबल लिक्विडिटी ट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों ने पिछले सप्ताह 41 ईएम और डीएम में से 39 से बिकवाली की, जबकि अमेरिकी इक्विटी बाजारों ने 8 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया। इसके साथ ही यह मजबूत विदेशी निवेश का लगातार 10वां सप्ताह रहा।
इलारा का मानना है कि अमेरिका के लिए निवेश में इस तेजी की वजह से ‘क्राउडेड’ ट्रेड यानी जोखिम वाले कारोबार की स्थिति पैदा हुई है। उनके विश्लेषण से पता चलता है कि समान निकासी वैश्विक इक्विटी संकट के दौरान देखी गई थी, जिसमें अक्टूबर 2022, अक्टूबर 2023, अप्रैल 2024 और अगस्त 2024 की अवधियां शामिल थीं।
ब्रोकरेज ने यह भी सुझाव दिया है कि ऊंचे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड से वैश्विक जोखिम परिदृश्य में बदलाव का संकेत दिख सकता है। जहां कई वैश्विक इक्विटी बाजार 2024 को मामूली एकल अंकों के रिटर्न के साथ समाप्त करने की राह पर हैं, वहीं अमेरिकी बाजार तेजी फल-फूल रहे हैं।
नैस्डैक 100 ने इस साल अब तक 32 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है, और एसऐंडपी 500 में लगभग 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। मजबूत अमेरिकी डॉलर को अन्य बाजारों से निकासी और अमेरिका में सकारात्मक प्रवाह को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक के रूप में देखा जाता है।
पीएल कैपिटल के एक कार्यक्रम में मोबियस इमर्जिंग अपॉर्च्युनिटीज फंड के चेयरमैन मार्क मोबियस ने सुझाव दिया कि बढ़ता डॉलर अगले साल भी प्रमुख ताकत बना रह सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी संचालन को सुव्यवस्थित करने और अफसरशाही को कम करने के ट्रम्प के प्रयासों से अमेरिकी कंपनियों को लाभ होगा। हालांकि, मोबियस ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिकी बाजार में निवेशकों के आने की एक सीमा है, चीन और भारत जैसे उभरते बाजारों में दिलचस्पी बढ़ने का अनुमान है।
