शेयर बाजार (Share Market) के सामने नए साल 2025 में दो बड़ी चुनौतियां सामने आकर खड़ी हो सकती है। इसमें पहली चुनौती ग्लोबल टैरिफ वार से जुड़ी है। वहीं दूसरी चुनौती भूराजनैतिक संघर्ष से जुड़ी हो सकती है। ये कहना है ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म यूबीएस (UBS) के चीफ एग्जिक्यूटिव सर्जियो एर्मोटी का। उन्होंने ब्लूमबर्ग टीवी के साथ एक बातचीत में कहा कि दुनिया के कई देशों में पहले से ही संघर्ष चल रही है। इसमें अमेरिकी की आगामी सरकार कई दशों पर टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में है। यह दोनों वजहें अगले साल शेयर बाजार के लिए एक जोखिम हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, “भू-राजनीतिक घटनाओं में तेजी के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर भी हलचलें बढ़ने की संभावनाएं दिख रही हैं। इसमें टैरिफ और संरक्षणवाद जैसी चीजें शामिल है। यह निश्चित रूप से कुछ ऐसा है जिस पर नजर रखनी होगी।” उन्होंने कहा, “अभी इन चीजों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसे में हमें शेयर बाजारों में बहुत अधिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है।”
UBS दुनिया की सबसे बड़ी इनवेस्टमेंट कंपनियों में से एक है। एर्मोटी ने इसके सीईओ के तौर पर निवेशकों को सलाह दिया कि उन्हें मौजूदा माहौल में अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से डायवर्सिफाई रखना चाहिए और उन्हें इस समय बहुत अधिक जोखिम उठाने की इच्छा नहीं करनी है। हालांकि एर्मोटी ने यह भी कहा कि आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर निश्चितता के बावजूद अभी कंज्यूमर्स और इकोनॉमी “दोनों लचीली बनी हुई” हैं।
एर्मोटी ने कहा, “मुझे यह देखकर राहत और उसके साथ हैरानी भी हुई कि इन सभी भू-राजनीतिक घटनाओं ने वित्तीय बाजारों में भी कोई एक के बाद एक होने वाली घटनाओं और नतीजों का चक्र शुरू नहीं किया। महंगाई फिलहाल नियंत्रण में लगती है, और अमेरिका में संभावित रेगुलेशन से मर्जर और अधिग्रहण गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है, जो बाजारों और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद हो सकता है।”
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। stock market news की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
