भारी बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बाजार में आगे सुधार होने और वैल्यूएशन आकर्षक होने पर लगातार खरीदार बन सकते हैं. शनिवार को बाजार पर्यवेक्षकों ने कहा कि बाजार में आगे सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है.हाल ही में एफआईआई एक्टिविटी को लेकर निवेशकों की अत्यधिक अनिश्चित प्रकृति देखी गई. 23-25 नवंबर के तीन दिनों में एफआईआई खरीदार थे. लेकिन अगले दो दिनों में वे फिर से विक्रेता बन गए और भारतीय बाजार में 16,139 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच दी.
अक्टूबर के तुलना में कम है बिक्री, FII की बिक्री
एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘नवंबर में एफआईआई की बिक्री अक्टूबर की तुलना में कम है. अक्टूबर में स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से कुल एफआईआई की बिक्री 113,858 करोड़ रुपये थी. नवंबर में यह घटकर 39,315 करोड़ रुपये रह गई.” इसे बाजार में सुधार के कारण कम हुए वैल्यूएशन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इस सप्ताह की शुरुआत में, एफआईआई ने तीन सत्रों में भारतीय इक्विटी में 11,100 करोड़ रुपये का निवेश करके अच्छी वापसी की.
निकट भविष्य में बाजार में जगी स्थिरता की उम्मीद
पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर के हेड-एडवाइजरी विक्रम कासट ने कहा कि यह वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की विकास कहानी में नए सिरे से विश्वास का संकेत दे सकता है, इससे निकट भविष्य में बाजार में स्थिरता की उम्मीद जगी है. प्राइमरी मार्केट के जरिए एफआईआई द्वारा खरीदारी का चलन जारी है. नवंबर में एफआईआई ने प्राइमरी मार्केट के जरिए 17,704 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. जानकारों ने कहा, “अगर हम 29 नवंबर तक की अवधि को लें, तो इस साल एफआईआई द्वारा की गई कुल बिक्री 118,620 करोड़ रुपये है.”
हरे निशान पर बंद हुआ शेयर बाजार
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ, क्योंकि इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में जोरदार तेजी देखी गई. सेंसेक्स 759.05 अंक या 0.96 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79,802.79 पर बंद हुआ. निफ्टी 216.95 अंक या 0.91 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,131.10 पर बंद हुआ.बेहतर निवेशक भावना और स्टॉक-विशिष्ट गतिविधियों के कारण घरेलू शेयर बाजार में तेजी दर्ज हुई थी.
त्योहारी सीजन में मिला अच्छा लाभ,कंसोलिडेशन फेज पर बना हुआ बाजार
जानकारों के अनुसार, “घरेलू बाजार में लार्ज-कैप द्वारा संचालित, व्यापक-आधारित रैली हुई. कुछ क्षेत्रों ने त्योहारी सीजन का लाभ उठाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया.” तकनीकी रूप से, बाजार कंसोलिडेशन फेज में बना हुआ है, वहीं चार्ट स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव हुआ है. एंजेल वन के इक्विटी तकनीकी विश्लेषक राजेश भोसले ने कहा, “व्यापारियों को एग्रेसिव दांव से बचने और सेलेक्टिव होने की सलाह दी जाती है.वैश्विक कारकों पर बारीकी से नजर रखना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे साप्ताहिक समाप्ति से पहले बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं.”