Last Updated on November 28, 2024 20:16, PM by Pawan
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने Bancassurance को लेकर चिंता जताई है। उसने कहा है कि बैंकों के जरिये जरिये बेचे जाने वाले इंश्योंरेस पर 50 फीसदी का कैप लगना चाहिए। CNBC-TV18 की EXCLSUIVE खबर के चलते आज बीमा शेयरों में 5 से 6 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
CNBC-TV18 को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक Bancassurance की बढ़ते हिस्सेदारी से IRDAI चिंतित है। इंश्योरेंस कंपनियों की Bancassurance पर बढ़ती निर्भरता से IRDAI चिंतित है। सूत्रों के मुताबिक इंश्योरेंस कंपनियों से बैंकों के हिस्से को कम करने को कहा गया है। इंश्योरेंस कंपनियों से बैंकों के जरिए कारोबार 50 फीसदी पर रखने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक Bancassurance में पेरेंट बैंक के हिस्से पर भी कैप लगाया जाना संभव है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक रेगुटेलर Bancassurance कारोबार पर नजर रख रहा है। इश्योरंस कारोबार को लिए बैंकों पर निर्भरता घटाने के लिए रेगुलेटर कंपनियों को रास्ता दिखाएगा। इस मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और IRDAI चेयरमैन पहले ही चिंता जाहिर कर चुके हैं। Bancassurance के जरिए मिस सेलिंग पर चिंता जाहिर की जा चुकी है।
क्या होता है Bancassurance
बैंकों के जरिए इंश्योरेंस बेचने को Bancassurance कहा जाता है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में इंश्योरेंस में बैंकों की हिस्सेदारी पर नजर डालें तो HDFC Life के कारोबार में बैंकों का हिस्सा 65 फीसदी, SBI Life के कारोबार में बैंकों का हिस्सा 58 फीसदी, Max Life के कारोबार में बैंकों का हिस्सा 52, ICICI Pru Life के कारोबार में बैंकों का हिस्सा 29 फीसदी और LIC के कारोबार में बैंकों का हिस्सा 3 फीसदी है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में Bancassurance कारोबार में पेरेंट बैंक की हिस्सेदारी की बात करें तो SBI लाइफ इंश्योरेंस में पैरेंट बैंक की हिस्सेदार 95 फीसदी, HDFC लाइफ में ये हिस्सेदारी 80-85 फीसदी, मैक्स लाइफ में 90 फीसदी और ICICI Pru लाइफ में 50 फीसदी है।
