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पाकिस्तान का शेयर बाजार क्यों बना हुआ है रॉकेट? एक साल में सेंसेक्स से आगे, 100000 का आंकड़ा छूने के करीब

Last Updated on November 22, 2024 14:52, PM by Pawan

नई दिल्ली: पाकिस्तान के शेयर मार्केट को इस समय पंख लगे हुए हैं। भारतीय शेयर मार्केट में जहां गिरावट का दौर चल रहा है, वहीं पड़ोसी देश की मार्केट रॉकेट बनी हुई है। पाकिस्तान का मुख्य स्टॉक एक्सचेंज (कराची 100 इंडेक्स) एक लाख के आंकड़े के करीब है। अभी यह 98,972 पर है। वहीं हमारी शेयर मार्केट का मुख्य इंडेक्स BSE सेंसेक्स 78 हजार से कुछ ही ऊपर है।

भारतीय शेयर मार्केट में शुक्रवार को तेजी आई। सेंसेक्स 1100 अंक से ज्यादा ऊपर चढ़ गया, लेकिन एक दिन पहले इसमें तेज गिरावट आई थी। हालांकि भारतीय शेयर मार्केट पिछले काफी समय से गिरावट के दौर से गुजर रही है। पिछले दो महीने में सेंसेक्स करीब 9 फीसदी गिर गया है। गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों की निकासी है

पाकिस्तान पर लगातार बढ़ रहा कर्ज

एक तरफ जहां पाकिस्तान पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस देश की शेयर मार्केट का आसमान छूना हैरान करता है। इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार पाकिस्तान हर पांच साल में अपना कर्ज दोगुना कर लेता है, जलवायु परिवर्तन से पीड़ित है, कम विदेशी मुद्रा भंडार है और धीमी या शून्य वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति से पीड़ित है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) 7 बिलियन डॉलर उधार दे रहा है।

महंगाई में आई कमी

पाकिस्तान की महंगाई में पिछले कुछ समय में काफी कमी आई है। मई 2023 में 38% तक पहुंचने वाली मुद्रास्फीति अक्टूबर 2024 में 7.2% तक गिर गई है। कपड़ा, चमड़े के सामान और केमिकल का निर्यात बढ़ रहा है।

एक साल में 66 फीसदी की तेजी

कराची 100 इंडेक्स ने पिछले एक साल में 66% की तेजी आई है। यह S&P 500 और FTSE 100 जैसे प्रमुख ग्लोबल इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। यही नहीं, इसने एक साल में भारत की शेयर मार्केट को भी पीछे छोड़ दिया है। एक साल में सेंसेक्स में जहां 18.48 फीसदी की तेजी आई है तो वहीं निफ्टी में 19.71 फीसदी की ही बढ़त देखी गई है।

पाकिस्तान की मार्केट में तेजी के कारण

  • कम इक्विटी वैल्यूएशन
  • IMF की ओर से 7 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज को मंजूरी देना
  • मुद्रास्फीति में गिरावट आना
  • केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरों में भारी कटौती करना

IMF के लोन ने फूंकी जान

पाकिस्तान की मार्केट में IMF के 7 बिलियन डॉलर के लोन ने जान फूंकी है। यह लोन 37 महीने में दिया जाएगा। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को स्थिर करना है। साथ ही नियोजित सुधारों में राजकोषीय घाटे को कम करना और 2024 से 2029 के बीच 24 सरकारी कंपनियों का निजीकरण करना शामिल है।

निवेशक ऑइल और गैस एक्प्लोरेशन, ऑइल मार्केटिंग, बिजली प्रोडक्शन, ऑटोमोबाइल असेंबली, सीमेंट और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं। इससे पाकिस्तान का इंडेक्स रेकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गया है। ग्लोबल लेवल पर पाकिस्तान की शेयर मार्केट ने अर्जेंटीना के बाद ऐसी दूसरी मार्केट बन गई है जिसने अच्छा प्रदर्शन किया है।

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