Last Updated on November 20, 2024 17:51, PM by Pawan
फर्म का कहना है कि कंपनियां अपने कर्ज को घटा रही हैं और अगले दो साल में उनकी कमाई बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही, कई कंपनियां आर्थिक बदलावों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि इक्विटी में निवेश जारी रखें, खासकर वो लोग जिन्होंने इसमें पहले से अच्छा पैसा लगाया है। जिन निवेशकों ने कम पैसा लगाया है, उन्हें धीरे-धीरे और प्लान के साथ इक्विटी में अपना निवेश बढ़ाने की सलाह दी गई है।
मोतीलाल ओसवाल ने निवेशकों को दी सलाह:
फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो:
30% निवेश: पोर्टफोलियो का 30% हिस्सा एक्टिवली मैनेज्ड ड्यूरेशन फंड्स में लगाएं, ताकि बदलते बाजार के हिसाब से फायदा उठाया जा सके।
लंबी अवधि के गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (G-Sec) फंड्स: 15 से 30 साल की मैच्योरिटी वाले G-Sec फंड्स में निवेश करें। ये फंड अक्य्रूल इनकम और मार्केट-टू-मार्केट (MTM) गेन का मौका देते हैं।
इक्विटी रणनीति:
30-35% निवेश: पोर्टफोलियो का 30-35% हिस्सा मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स या इक्विटी सेविंग फंड्स में लगाएं। ये फंड घरेलू इक्विटी, आर्बिट्राज, फिक्स्ड इनकम, अंतरराष्ट्रीय इक्विटी और सोने जैसे कमोडिटीज के जरिए बेहतर रिटर्न का मौका देते हैं।
निवेशक जो कुल रिटर्न बढ़ाना चाहते हैं, मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) का सुझाव है कि फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो का 30% से 35% हिस्सा प्राइवेट क्रेडिट स्ट्रैटेजीज, इनविट्स (Infrastructure Investment Trusts) और हाई-यील्ड एनसीडी (Non-Convertible Debentures) में निवेश किया जाए।
अन्य विकल्प:
फ्लोटिंग रेट फंड्स: 9-12 महीने की अवधि के लिए फ्लोटिंग रेट फंड्स चुनें।
आर्बिट्राज फंड्स: 3-6 महीने की अवधि के लिए आर्बिट्राज फंड्स का इस्तेमाल करें। ये विकल्प लिक्विडिटी बनाए रखते हैं और अनिश्चित बाजार में स्थिर रिटर्न देने में मददगार हो सकते हैं।
सोने का आउटलुक: अनिश्चितता के बीच सुरक्षित विकल्प
दुनिया में बढ़ती अनिश्चितताओं के कारण बाजारों पर असर हो रहा है। ऐसे समय में, निवेशकों के लिए सोना जोखिम कम करने का एक अच्छा और सुरक्षित विकल्प है। MOPW के अनुसार, जब राजनीतिक या आर्थिक अस्थिरता बढ़ती है, तो सोने की कीमतें भी बढ़ने लगती हैं। हाल ही में हुए अमेरिकी चुनावों के बाद कुछ नीतियों में बदलाव हो सकते हैं, जो सोने के बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन, राजनीति से जुड़े बदलावों के बावजूद, सोना हमेशा निवेश के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बना रहेगा।
चांदी का आउटलुक: औद्योगिक मांग और ग्रीन टेक्नोलॉजी का बढ़ता प्रभाव
MOFSL रिसर्च के अनुसार, चांदी की मांग कई अहम वजहों से बढ़ रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही, चीन जैसे देशों में निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी भी चांदी की मांग को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, ग्रीन टेक्नोलॉजी, खासकर सोलर पैनल में चांदी का प्रमुख उपयोग होता है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। इन कारणों से, चांदी न केवल औद्योगिक जरूरतों के लिए बल्कि निवेश के लिहाज से भी एक मजबूत विकल्प बन रही है।
बाजार में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें
MOPW की रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि इक्विटी बाजार का रिटर्न हमेशा एक समान नहीं होता। पिछले 25 वर्षों में, बाजार ने 22 बार 10% या उससे अधिक की गिरावट देखी है। ऐसे में, निवेशकों को इस तरह की तेज अस्थिरताओं के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा, आसान रिटर्न का दौर, जिसमें सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर था, अब समाप्त हो चुका है।
निवेशकों के लिए सुझाव
मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) का कहना है कि निवेशकों को बाजार के रुझानों का पीछा करने के बजाय उन कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए जो मजबूत बिजनेस और स्थिर ग्रोथ दिखा रही हैं। उनके अनुसार, हाल के सुधार के बाद लार्ज कैप कंपनियों की कीमतें लंबे समय के औसत के करीब आ गई हैं, जबकि मिड और स्मॉल कैप कंपनियां अभी भी महंगी हैं।
पिछले दो सालों में बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अब रिटर्न की उम्मीदें थोड़ी कम करनी चाहिए और निवेश को सोच-समझकर प्लान करना चाहिए। MOPW ने लार्ज कैप और मल्टीकैप में अगले 3-6 महीनों में धीरे-धीरे निवेश करने का सुझाव दिया है। मिड और स्मॉल कैप में अगले 6-12 महीनों में निवेश करना बेहतर होगा। वहीं, एकमुश्त निवेश के लिए इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स को चुना जा सकता है।
