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इंडियन स्टॉक मार्केट्स में विदेशी निवेशकों की बिकवाली पूरी हो चुकी है, तो क्या अब मार्केट में तेजी लौटेगी?

Last Updated on November 17, 2024 10:11, AM by

मार्केट एक्सपर्ट और हेलियोस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा ने इंडियन मार्केट में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बारे में बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि इंडियन मार्केट में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली करीब पूरी हो चुकी है। सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में उन्होंने यह बात कही। विदेशी निवेशक अक्टूबर की शुरुआत से ही इंडियन मार्केट में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने बीते डेढ़ महीने में 1.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बिकवाली की है। पहले इतने कम समय में उन्होंने कभी इतनी बिकवाली नहीं की थी। इस बिकवाली का असर मार्केट पर पड़ा है। सेंसेक्स और निफ्टी सितंबर के अपने ऑल-टाइम हाई से 9 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं।

अरोड़ा ने कहा, “मुझे लगता है कि उनकी (FIIs) बिकवाली पूरी हो चुकी है। अगले कुछ हफ्तों में यह बिकवाली बंद हो जाने की उम्मीद है। शुरुआत में यह कहा गया कि वे चीन में इनवेस्ट करने के लिए इंडियन मार्केट में बिकवाली कर रहे हैं। अब ऐसा लग रहा है कि वे चीन में निवेश करने के लिए इंडिया में बिकवाली नहीं कर रहे हैं। यह भी माना गया कि वे अमेरिका में इनवेस्ट करने के लिए इंडिया में बिकवाली कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि एफएफआई के इंडिया में बिकवाली करने की असल वजह यह है कि वे खराब अर्निंग्स ग्रोथ की वजह से इंडिया में बिकवाली कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह कहा जा रहा है कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख की वजह से विदेशी निवेशक चीन में इनवेस्ट करने से बचना चाहेंगे। लेकिन ऐसा होगा, यह जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, “विदेशी निवेशकों का इंडियन मार्केट में काफी कम निवेश है। उन्होंने इंडिया में सिर्फ 1 फीसदी निवेश किया है। इसके मुकाबले अमेरिकी मार्केट में उनका 60 फीसदी निवेश है। इसलिए इस बात की संभावना काफी कम है कि वे अमेरिका में निवेश बढ़ाने के लिए इंडिया में अपना निवेश घटाएंगे।”

इसी कार्यक्रम में एक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में अर्निंग्स ग्रोथ में इम्प्रूवमेंट आने की उम्मीद नहीं है। अर्निंग्स ग्रोथ में रिकवरी अगले 6 से 9 महीनों बाद ही देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में निफ्टी का रिटर्न हिस्ट्री के सबसे कम रिटर्न में से एक है। हालांकि, NSE 500 इंडेक्स का रिटर्न अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। इस इंडेक्स में मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कंज्यूमर गुड्स, कुछ ऑटो कंपनियों और कुछ छोटे बैंकों और एनबीएफसी का प्रदर्शन कमजोर रहने की उम्मीद है।

हेलियोस कैपिटल के फाउंडर ने कहा, “मेरी थ्योरी यह है कि जिन चीजों का प्रदर्शन खराब है, वह जल्द बेहतर हो सकता है। और जिन चीजों का प्रदर्शन अच्छा है, उनका प्रदर्शन खराब होने में थोड़ा समय लगता है। मुझे लगता है कि यह ज्यादा निगेटिव नहीं है। मुझे लगता है कि अगला साल अच्छा होगा।” अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इसका इंडिया पर कोई निगेटिव असर पड़ेगा। इसलिए निराश होने की कोई वजह नहीं है।

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