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US के Federal Reserve ने लगातार दूसरी बार बेंचमार्क लेंडिंग रेट घटाई, इस बार 0.25% की कटौती

Last Updated on November 8, 2024 9:10, AM by

Federal Reserve Rate Cut: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने गुरुवार को अपनी बेंचमार्क लेंडिंग रेट में और एक चौथाई प्रतिशत यानि 0.25 प्रतिशत की कटौती की। अधिकारियों ने सर्वसम्मति से फेडरल फंड्स रेट को 4.5% से लेकर 4.75% की सीमा तक कम करने के लिए मतदान किया। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने इस साल सितंबर में बेंचमार्क लेंडिंग रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने एक बयान में कहा, “कमेटी का मानना ​​है कि रोजगार और महंगाई लक्ष्यों को प्राप्त करने के जोखिम लगभग संतुलन में हैं। इकोनॉमिक आउटलुक अनिश्चित है, और कमेटी अपने ड्यूअल मैनडेट के दोनों पक्षों के जोखिमों को लेकर चौकस है।”

कमेटी ने जॉब मार्केट को लेकर अपनी भाषा को भी थोड़ा मॉडिफाई किया। फेड के बयान में कहा गया, “वर्ष की शुरुआत से, श्रम बाजार की स्थिति आम तौर पर आसान हो गई है और बेरोजगारी दर बढ़ी है, लेकिन कम बनी हुई है।” अमेरिकी शेयरों का एसएंडपी 500 इंडेक्स उच्च स्तर पर रहा, जबकि ट्रेजरी का गेन कम हुआ।

ट्रंप की नीतियां डाल सकती हैं लॉन्ग टर्म ब्याज दरों पर दबाव

 

फेडरल रिजर्व का यह फैसला इस सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर वापसी के बाद लिया गया है। ट्रंप ने अधिक आक्रामक टैरिफ लागू करने, इमीग्रेशन पर नकेल कसने और टैक्स कट्स का विस्तार करने का वादा किया है। ये नीतियां कीमतों और दीर्घकालिक ब्याज दरों पर दबाव डाल सकती हैं और फेड को आने वाले महीनों में दरों में कटौती को कम करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। फेड के अधिकारियों के फैसले भी बढ़ी हुई जांच के दायरे में आ सकते हैं क्योंकि ट्रंप का फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने का इतिहास रहा है।

मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था

अमेरिकी अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में 2.8% की वार्षिक दर से आगे बढ़ी, जो उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से प्रेरित थी। श्रम बाजार के कमजोर होने का डर भी कम हुआ है, लेकिन डेटा अभी भी मंदी के ट्रेंड की ओर इशारा करता है। अमेरिकी एंप्लॉयर्स ने अक्टूबर में केवल 12,000 नौकरियां जोड़ीं, जिसका कारण खराब मौसम और एक बड़ी हड़ताल रहे। साथ ही पिछले महीनों के आंकड़ों को रिवाइज करके कम कर दिया गया। हाल के वर्षों में महंगाई में काफी कमी आई है, फिर भी प्रगति धीमी रही है। एक साल पहले की तुलना में सितंबर में मूल्य वृद्धि की दर घटकर 2.1% रह गई, जो केंद्रीय बैंक के 2% के लक्ष्य से थोड़ा ऊपर है।

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