Last Updated on November 6, 2024 8:01, AM by
ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन (Bernstein) ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कंपनियों के सितंबर तिमाही के निराशाजनक नतीजों की ओर ध्यान खींचा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजार ने अभी आर्थिक ग्रोथ और मांग में सुस्ती की सीमा का पूरी तरह से आकलन नहीं किया है। साथ ही उसने यह भी आशंका जताई कि इंडेक्स के स्तर पर अभी और गिरावट आ सकती है और निफ्टी साल के अंत तक 23,500 तक गिर सकता है।
ब्रोकरेज का कहना है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति और कमजोर मांग के चलते कंपनियों की आय में उम्मीद से कम बढ़ोतरी हुई है। इस स्थिति में अगर दूसरी तिमाही की कमजोर कमाई को ठीक से ध्यान में नहीं लिया गया, तो आगे भी शेयर बाजार में गिरावट का खतरा बढ़ सकता है।
निराशाजनक नतीजे
बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में सुस्ती के खतरे की ओर इशारा किया है। उसने पहली बार मई में इस मुद्दे का जिक्र किया था। ब्रोकरेज ने रिपोर्ट में सवाल पूछा है कि क्या पहली छमाही के प्रदर्शन को कम करके आंकना और दूसरी छमाही में इसकी भरपाई की उम्मीद करना उचित है?
बर्नस्टीन ने कहा कि निफ्टी और नेक्स्ट-50 को मिला लिया जाए तो लगभग आधी कंपनियों की आय में 4% से अधिक की कमी देखी गई। यह कोरोना महामारी के दौरान मार्च 2020 तिमाही में देखी गई कमी के बाद सबसे अधिक आंकड़ा है। अब तक जितनी कंपनियों के नतीजे आए हैं, उनकी अर्निंग्स में आई गिरावट को देखते हुए अब अर्निंग्स ग्रोथ की उम्मीदें लगभग 0.6% सपाट हो गई है।
गहरी मंदी का हो सकता है संकेत
बर्नस्टीन को डर है कि यह मैक्रो और माइक्रो दोनों ही सेक्टर्स में गहरी पैठ वाली मंदी का संकेत हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेवेन्यू ग्रोथ और मार्जिन विस्तार में कमी जैसे पहलुओं को सिर्फ मानसून और चुनाव संबंधी रुकावट बता कर खारिज नहीं किया जा सकता है और ये कहीं अधिक व्यापक चिंता का संकेत देते हैं।
बर्नस्टीन ने कहा कि मजबूत मानसून के कारण ग्रामीण इलाकों में रिकवरी हो सकती है, लेकिन इससे शहरी इलाकों के मंदी के पूरी तरह से संतुलित होने की संभावना नहीं है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि सरकार में बैठे लोगों से लेकर निवेशकों तक के अधिकतर प्रतिभागियों ने ग्रोथ संबंधी चिंताओं को पूरी तरह से महसूस नहीं किया है और वे मंदी के संकेतों को एक श के रूप में देख रहे हैं।