Last Updated on November 5, 2024 11:04, AM by
Market today : सोमवार को दलाल स्ट्रीट पर मंदड़िए हावी हो गए। आज निफ्टी और सेंसेक्स में एक फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए हैं जिससे सप्ताह की शुरुआत कमजोर रही। निफ्टी अब अपने ऑल टाइम हाई लगभग 10 फीसदी गिर गया है। ये एफआईआई की भारी बिकवाली के कारण पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। एफआईआई ने अब तक कैश सेगमेंट में लगभग 1.14 लाख करोड़ रुपये की बिक्री की है। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 941.88 अंक या 1.18 फीसदी की गिरावट के साथ 78,782.24 पर और निफ्टी 314.00 अंक या 1.29 फीसदी की गिरावट के साथ 23,990.30 पर बंद हुआ है। आज लगभग 1,279 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई है। वहीं, 2603 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। जबकि, 135 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
सेक्टरवार देखें तो निफ्टी एनर्जी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। यह 2.72 फीसदी टूटा है। अन्य सेक्टरों में भी काफी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी रियल्टी और निफ्टी इंफ्रा में 2.9 फीसदी और 2.2 फीसदी की गिरावट आई।
एंजेल वन के वरिष्ठ तकनीकी और डेरिवेटिव्स विश्लेषक ओशो कृष्ण ने कहा कि नए संवत की शुरुआत उथल-पुथल भरी रही। बेंचमार्क इंडेक्स दिन के दौरान 500 अंक गिरकर 4 महीने के नए निचले स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी में आज एकतरफा गिरावट देखी गई। हैवीवेट्स में करेक्शन के कारण सभी टेक्निकल सपोर्ट टूट गए। इसके बाद छोटे-मझोले शेयरों में भी गिरावट आई। आखिरकार, कारोबारी सत्र के अंतिम घंटें में कुछ रिकवरी हुई। जिससे शुरुआती नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सकी। लेकिन निफ्टी आज 24,000 से नीचे ही बंद हुआ।
तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी इंडेक्स ने कंसोलीडेशन टूटने के संकेत दिए हैं। आगे के सत्रों में इसी तरह की चाल शॉर्ट टर्म में विनाशकारी साबित हो सकती है। इसके साथ ही अब डेरीवेटिव और टेक्निकल पैरामीटर काफी ज्यादा ओवरसोल्ड जोन में हैं। ऐसे में बिकवाली से कुछ राहत ओवरऑल सेंटीमेंट को सहारा दे सकती है। वर्तमान स्थिति में सावधानी बरतने की जरूरत है। गैर जरूरी ट्रेड सेटअप से बचने की भी सलाह दी जाती है। अब निफ्टी के लिए 24,200-24,400 के जोन में ब़़ड़ा रजिस्टेंस है। वहीं निचले छोर पर, 23,900-23,800 पर सपोर्ट दिख रहा है। इससे नीचे जाने पर निफ्टी 23,500-23,450 की ओर गिर सकता है जो इसके 200 एसएमए के आसपास ही है।
एंजेल वन वेल्थ की चीफ मैक्रो और ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट अंकिता पाठक का कहना है कि अगले हफ्ते यू.एस. फेड दरों में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की उम्मीद है। साफ है कि US ने पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है तथा कठिन चुनौतियों को पीछे छोड़ दिया है। आने वाले हफ्ते में अहम मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़े जारी होने वाले हैं। ये आंकड़े यूएस फेड के फैसलों पर अपना असर दिखाएंगे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि जैसा कि अपेक्षित था, भारत महंगे वैल्यूएशन के कारण अपने ग्लोबल पीयर्स से कमतर प्रदर्शन कर रहा है। दूसरी तिमाही की कमजोर नतीजों के कारण चल रही बिकवाली और भी गहरी हो गई है, जिससे निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है। शॉर्ट टर्म में निरंतर उतार-चढ़ाव बने रहने की आशंका है। क्योंकि मार्केट का फोकस अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर है। इसके अलावा, यूएस फेड और बैंक ऑफ इंग्लैंड के नीतिगत निर्णय जैसे बड़े इवेंट बाजार की गतिविधियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।