Last Updated on November 2, 2024 13:12, PM by
स्टॉक मार्केट में अक्टूबर में बड़ा करेक्शन आया है। एक्सपर्ट्स यह नहीं बता पा रहे हैं कि यह करेक्शन कब तक जारी रहेगा। सवाल है कि अभी निवेश में किस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है? मनीकंट्रोल ने यह सवाल सिद्धार्थ वोरा से पूछा। वोरा पीएल एसेट मैनेजमेंट में फंड मैनेजर हैं। उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स ग्रोथ की अच्छी संभावना, हाई डिविडेंड यील्ड और सही वैल्यूएशन वाली सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं। कुछ सरकारी बैंकों और एनर्जी कंपनियों के स्टॉक्स में अब भी अच्छी वैल्यू दिख रही है।
चीन के स्टॉक मार्केट के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले दशक में विदेशी निवेशक (FIIs) चीन के स्टॉक मार्केट्स से दूरी बना रहे थे। इसकी वजह चीन की सुस्त पड़ती इकोनॉमी थी। हालांकि, चीन के स्टॉक मार्केट्स की वैल्यूएशन अट्रैक्टिव थी। लेकिन, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म ज्यादा नहीं दिख रहा था। इधर, इंडिया में सरकार की पॉलिसी ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली थी। इससे FIIs इंडिया की तरफ अट्रैक्ट हुए। अब चीन की सरकार ने इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने इंटरेस्ट रेट्स घटाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को डेट फंडिंग बढ़ाई गई है। टैक्स रेट्स में भी बदलाव किए गए हैं। इससे चीन के स्टॉक मार्केट का अट्रैक्शन बढ़ा है। इधर, इंडिया में वैल्यूएशन ज्यादा है, जबकि कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ सुस्त पड़ रही है।
वोरा ने कहा कि हाल में आए डेटा से पता चलता है कि इनफ्लेशन का असर शहरों में मिडिल क्लास पर पड़ा है। इनकम बढ़ने के बावजूद इनफ्लेशन की वजह से खर्च करने की उनकी क्षमता घट रही है। इस साल फेस्टिव सीजन में भी ज्यादा खरीदारी नहीं दिखी। आम तौर पर त्योहारों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स, अपैरल और हाउसहोल्ड गुड्स की खरीदारी बढ़ जाती है। कई सेक्टर की कंपनियों ने सेल्स कमजोर रहने के संकेत दिए हैं। इससे पता चलता है कि शहरों में उम्मीद के मुताबिक डिमांड नहीं बढ़ी है। डिस्काउंट और प्रमोशन के बावजूद सेल्स ज्यादा नहीं बढ़ी है।
संवत 2081 में मार्केट का रिटर्न कैसा रहेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इंडियन मार्केट्स में मौकों के साथ रिस्क भी दिख रहा है। इकोनॉमिक ग्रोथ सुस्त पड़ रही है। कॉर्पोरेट अर्निंग्स को लेकर स्थिति चिंताजनक है। वैल्यूएशन खासकर छोटी कंपनियों में ज्यादा है। अगर इनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहता है तो स्टॉक्स में बड़ी गिरावट आ सकती है। जियोपॉलिटिकल सिचुएशंस और अमेरिकी में राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों का असर भी मार्केट पर पड़ सकता है। हालांकि, इंडियन इकोनॉमी के लिए संभावनाएं अच्छी हैं। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बाजार को ज्यादा गिरने नहीं दिया है। ऐसे में इंडियन मार्केट्स में रिस्क के बीच अच्छे मौके दिख रहे हैं।