Last Updated on October 31, 2024 14:00, PM by
पिछली दिवाली से इस दिवाली के बीच निफ्टी ने 24 फीसदी रिटर्न दिया है। अगर अक्टूबर में स्टॉक मार्केट में गिरावट नहीं आई होती तो यह रिटर्न काफी ज्यादा होता। अब चर्चा इस दिवाली से अगले साल की दिवाली के बीच मार्केट के संभावित रिटर्न को लेकर हो रही है। सवाल है कि क्या शेयर मार्केट का रिटर्न संवत 2081 में भी शानदार रहेगा? मनीकंट्रोल ने यह सवाल कोटक एएमसी के बॉस निलेश शाह से यह सवाल पूछा। कैपिटल मार्केट और फंड मैनेजमेंट का 28 साल का अनुभव रखने वाले शाह ने इस साल का मजेदार जवाब दिया। उन्होंने स्टॉक मार्केट्स के बारे में दूसरी कई अहम बातें भी बताईं।
संवत 2081 में कितना रहेगा मार्केट का रिटर्न? शाह ने जवाब में कहा, “आपको यह लगा कि शॉर्ट टर्म में मार्केट के रिटर्न के बारे में मैं बता सकता हूं, इसके लिए आपको धन्यवाद। अगर मुझे इतना ज्ञान होता तो आज मैं एक एंप्लॉयी नहीं होता। मार्केट में बिताए तीन दशकों में मुझे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला, जो यह बता सकता है कि एक साल बाद Sensex किस लेवल पर होगा।” हालांकि, उन्होंने यह कहा कि संवत 2081 में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करने से निराशा हो सकती है। इसका मतलब स्पष्ट है कि इस दिवाली से अगली दिवाली के बीच शेयर मार्केट का रिटर्न बहुत ज्यादा रहने वाला नहीं है।
विदेशी निवेशकों (FIIs) की इंडियन मार्केट्स में बिकवाली के बारे में शाह ने कहा कि अक्टूबर में उनकी बिकवाली एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है। अब तक किसी एक महीने में उन्होंने इंडियन मार्केट में कभी इतनी बिकवाली नहीं की थी। इसकी बड़ी वजह शॉर्ट टर्म में वैल्यूएशन को लेकर चिंता है। उन्होंने कहा कि जब तक कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ ज्यादा रहेगी और गवर्नेंस बेहतर रहेगा, तब तक एफआईआई इंडिया में इनवेस्ट करते रहेंगे। हालांकि, उन्होंने फिर से विदेशी निवेशकों के इंडियन मार्केट में खरीदारी शुरू करने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “सुबह का भूला शाम को घर लौट आएगा।”
कोटक एएमसी के एमडी ने कहा कि FY25 की दूसरी तिमाही में अर्निंग्स उम्मीद से कम रहने के बाद FY25 की दूसरी छमाही में यह बढ़ेगी। अगर अगले साल मॉनेटरी पॉलिसी में नरमी आती है तो अर्निंग्स में आई कमी की भरपाई हो सकती है। हालांकि, मार्केट्स के लिए कुछ चुनौतियां दिख रही हैं। एनर्जी और कमोडिटी प्राइसेज बढ़ रहे हैं। जियोपॉलिटिकल इवेंट्स की वजह से सप्लाई में बाधा आ सकती है। अगस्त और सितंबर में कुछ सेक्टर्स में सुस्ती दिखी है। प्राइवेट सेक्टर इनवेस्टमेंट और कंजम्प्शन में सुस्ती का असर FY25 की अर्निंग्स ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।