Last Updated on October 29, 2024 23:53, PM by Pawan
हितेश चिमनलाल दोशी ने साल 1985 में एक रिश्तेदार से 5,000 रुपये उधार लेकर बिजनेस शुरू किया था। आज करीब 40 साल बाद, वह देश की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक, वारी ग्रुप के मालिक हैं। सोमवार 28 अक्टूबर को वारी ग्रुप की सबसे मुख्य कंपनी वारी एनर्जीज का IPO शेयर बाजार में लिस्ट हुआ। इसके साथ ही दोशी और उनका परिवार अब दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हो गया है। वारी एनर्जीज के शेयर सोमवार 56% के धांसू प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, लिस्टिंग के बाद दोषी परिवार की कुल संपत्ति बढ़कर करीब 43,700 करोड़ रुपये (5.2 अरब डॉलर) पर पहुंच गई, जो लिस्टिंग के पहले के मुकाबले दोगुनी है।
57 वर्षीय हितेश चिमनलाल दोशी, वारी एनर्जी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जबकि उनके दो भाई और भतीजे ग्रुप में बोर्ड डायरेक्टर हैं। इसके अलावा यह परिवार ग्रुप की 2 अन्य कंपनियों- वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और वारी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड का भी सबसे बड़ा शेयरधारक है। ये दोनों कंपनियां शेयर बाजार में पहले से सूचीबद्ध हैं।
वारी एनर्जीज देश की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल बनाने वाली कंपनी है जिसकी क्षमता 12,000 मेगावाट है। इसके आय का अधिकतर हिस्सा अमेरिका को निर्यात बिक्री से आता है।
महाराष्ट्र के टुनकी में पैदा हुए दोशी कॉलेज की पढ़ाई के लिए अपने गांव से करीब 600 किलोमीटर दूर मुंबई आए। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी की श्री चिनॉय कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में एडमिशन लिया। वहां रहते हुए, उन्होंने हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंट गेज का व्यापार शुरू करने के लिए एक रिश्तेदार से 5,000 रुपये उधार लिए। इस बिजनेस के मुनाफे से अपने अपने जीवन-यापन के खर्चे पूरे किए और कॉलेज की फीस का भुगतान किया। दोशी ने साल 2014 में इकनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में ये जानकारी दी थी।
ग्रैजुएशन करने के बाद दोशी ने बैंक से 1.50,000 रुपये उधार लेकर एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी खोली। यह कंपनी शर गेज, गैस स्टेशन उपकरण और औद्योगिक वाल्व बनाती थी। फिर साल 2000 आते-आते उन्हें पानी के पंप, हीटर, कुकर और लालटेन जैसे बिजली के उपकरणों में बिजनेस की संभावना दिखी।
उनके सबसे बड़े ऑर्डर अमेरिका और यूरोप के क्लाइंट से आए। साल 2021 में योरस्टोरी से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह साल 2007 में एक ट्रेड प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए जर्मनी गए थे, जहां वे सोलर एनर्जी की क्षमता से “मुग्ध” हो गए थे। इस दौरे ने उन्हें अपने थर्मल इक्विपमेंट बिजनेस को बेचने और सोलर-सेल बनाने पर ध्यान लगाने का मोटिवेशन मिला।
उन्होंने अपने गांव के वारी मंदिर के नाम पर कंपनी का नाम वारी एनर्जीज रखा। हाल के सालों में सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को काफी बढ़ावा दिया। इसके वारी एनर्जी सहित तमाम रिन्यूएबल कंपनियों को बड़ा होने में मदद की है।
