Last Updated on October 6, 2024 16:38, PM by Pawan
अक्टूबर के पहले 3 कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजारों से 27,142 करोड़ रुपये निकाले हैं। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष, कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल और चीन के बाजारों का बेहतर प्रदर्शन इसके पीछे अहम वजह रहीं। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर शेयर बाजार बंद रहे थे। आंकड़ों के अनुसार, 1 से 4 अक्टूबर के बीच FPI ने शेयरों से शुद्ध रूप से 27,142 करोड़ रुपये निकाले।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है, ‘‘चीन के शेयरों के बेहतर प्रदर्शन के कारण FPI की बिकवाली बढ़ी है। पिछले एक महीने में हैंग सेंग सूचकांक में 26 प्रतिशत की तेजी आई है और इसके आगे भी जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि चीनी शेयरों की वैल्यूएशन बहुत कम है और वहां अधिकारियों द्वारा लागू किए जा रहे मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन से अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।’’
सितंबर में 9 माह के हाई पर पहुंच गया FPI का निवेश
इससे पहले सितंबर में भारतीय शेयर बाजार में FPI का निवेश 9 महीने के उच्च स्तर 57,724 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। अप्रैल-मई में शेयरों से 34,252 करोड़ रुपये निकालने के बाद जून से FPI लगातार बायर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में जनवरी, अप्रैल और मई को छोड़कर अन्य महीनों में FPI नेट बायर रहे हैं।
बॉन्ड मार्केट को लेकर कैसा रुख
डेट या बॉन्ड बाजार की बात करें, तो अक्टूबर के पहले 3 कारोबारी सेशंस में में FPI ने सामान्य सीमा के माध्यम से 900 करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) के माध्यम से 190 करोड़ रुपये का निवेश किया है। VRR लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट को प्रोत्साहित करता है। इस साल अब तक FPI ने शेयरों में 73,468 करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 1.09 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।