Last Updated on August 25, 2024 20:04, PM by Pawan
23 अगस्त को समाप्त होने वाले हफ्ते में MCX पर बुलियन और इंडस्ट्रियल कमोडिटी दोनों में अहम मैक्रोइकॉनोमिक प्रभाव देखने को मिले। LME इन्वेंट्री में लगातार गिरावट और बाजार में अत्यधिक बेयरिश सेंटीमेंट के कारण एल्युमीनियम सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बनकर उभरा, जिसकी मुख्य वजह चीन को लेकर चिंताएं हैं। ऐसा कहना है कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के प्रमुख अनिंद्य बनर्जी का। इस हफ्ते बाजार की नजर जैक्सन होल में फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीच पर थी। इसके अलावा, ट्रेडर्स ने यूएस फेड मिनट्स और फ्लैश PMI पर भी खास नजर रखी। पॉवेल के इस संकेत के बाद कि सितंबर में दरों में कटौती शुरू हो सकती है, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट आई।
बाजार वर्तमान में आगामी 18 सितंबर की FOMC मीटिंग में लगभग 33 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान लगा रहा है, जिसमें वर्ष के अंत तक कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद है और अगले वर्ष के लिए अतिरिक्त 125 बेसिस प्वाइंट का अनुमान है। वर्तमान आर्थिक स्थितियों को देखते हुए यह आउटलुक उचित लगता है। 18 सितंबर के निर्णय से पहले मुख्य डेटा प्वाइंट्स में 30 अगस्त को कोर PCE डिफ्लेटर शामिल है, जहां बाजार CPI और PPI इनपुट के आधार पर 0.2 फीसदी मासिक वृद्धि की उम्मीद करता है। अधिक अहम इंडिकेटर 6 सितंबर को नौकरियों की रिपोर्ट होगी।
बेस मेटल्स में तेजी के रुझान और वैश्विक इक्विटी बाजारों में रिस्क-ऑन-एटीट्यूड से लाभ उठाते हुए चांदी ने सोने को पीछे छोड़ दिया। चांदी को अक्सर सोने और तांबे के बीच एक ब्रिज के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब तांबे का प्रदर्शन अच्छा होता है तो यह सोने से बेहतर प्रदर्शन करती है।
कच्चे तेल की कीमत 6000 रुपये प्रति बैरल से उछली, जबकि बाजार में उतार-चढ़ाव पिछले साल के आखिर से जारी है। 7000 रुपये के आसपास जियो-पॉलिटिकल प्राइस वृद्धि को रोकने के लिए पर्याप्त सप्लाई है, लेकिन 6000 रुपये से नीचे तीव्र गिरावट को रोकने के लिए पर्याप्त डिमांड मौजूद है। इसके विपरीत नेचुरल गैस में बेयरिश सेंटीमेंट है।
एनर्जी इनफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) ने 16 अगस्त को समाप्त हफ्ते के लिए नेचुरल गैस स्टोरेज में 35 अरब क्यूबिक फीट (Bcf) इंजेक्शन की सूचना दी, जो 26 Bcf बिल्ड की बाजार उम्मीदों को पार कर गया। उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़ोतरी और आगामी शोल्डर सीजन ने सप्लाई की अधिकता की आशंकाओं को हवा दी है, जिससे नेचुरल गैस फ्यूचर्स में भारी गिरावट आई है।
अगले हफ्ते की बात करें तो हमें उम्मीद है कि कमजोर अमेरिकी डॉलर और नरम अमेरिकी यील्ड के कारण बुलियन में बुलिश सेंटीमेंट बनी रहेगी। पॉजिटिव मार्केट आउटलुक से बेस मेटल्स को भी लाभ मिल सकता है। जबकि कच्चे तेल में और तेजी देखने को मिल सकती है, नेचुरल गैस पर दबाव बना रह सकता है।
